Live News 24×7 के लिए कैलाश गुप्ता की रिपोर्ट।
बिहार। अब गुरुजी और निरीक्षी पदाधिकारियों की खैर नही है। लगता है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित जिलास्तरीय निरीक्षी पदाधिकारी भी लपेटे में आ सकते है।
विदित हो कि शिक्षकों को विद्यालय पहुंच कर मोबाइल से अपनी उपस्थिति दर्ज करने का निदेश विभाग द्वारा प्राप्त है परन्तु कुछ शिक्षक इसके विपरीत भी जुगार निकाल कर अनुचित लाभ ले रहे है जिसमें निरीक्षी पदाधिकारी भी शामिल है।
वही कुछ शिक्षकों द्वारा दबे जुबान बताया जाता है की प्रति विद्यालय निरीक्षी पदाधिकारी को निरीक्षण तिथि को पांच सौ से एक हजार रुपये तक दे दिया जाता है और पूर्व से विद्यालय में प्राप्त कराए गए निरीक्षण प्रपत्र भरकर प्रधानाध्यापक द्वारा निरीक्षी पदाधिकारी के कार्यालय में पहुँचा दिया जाता है।
इस मामले में विभागीय अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ को मिली शिकायतों पर, अपर सचिव ने संज्ञान लेते हुए आज अपने पत्र से विद्यालय निरीक्षी पदाधिकारियों सहित जिला शिक्षा पदाधिकारी तक को चेतावनी देते हुए कहा है कि निरीक्षी पदाधिकारी विद्यालयों का निरीक्षण सही तरीके से करें अन्यथा कारवाई के लिए तैयार रहे।
शिकायत मिली है कि शिक्षक सुबह निर्धारित समय पर विद्यालय आ कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर विद्यालय से फरार हो जा रहे है और पुनः सन्ध्या में आ कर अपनी उपस्थिति दर्ज कर लेते है। अपर सचिव ने इस पर कहा है कि यह एक बहुत गंभीर मामला है।
अपर मुख्य सचिव ने इसमें दोषी निरीक्षी पदाधिकारी को ही माना है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है।
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