राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम अन्तर्गत “जिले में 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान” की सांसद ने की शुरुआत

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  • वाहन में उपलब्ध अत्याधुनिक एक्स रे मशीन के द्वारा तुरंत होगी जांच,अब आसान होगी टीबी मरीजों की खोज
  • जिले के सभी प्रखंडो में घूमेगा वाहन, रूट चार्ट के अनुसार प्रतिदिन 04 पंचायतों में होगी जांच
मोतिहारी : राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम अन्तर्गत “जिले में 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान” का शुभारम्भ सांसद राधामोहन सिंह ने जिला यक्ष्मा केंद्र मोतिहारी से की। मौके पर सांसद राधामोहन सिंह और सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाते हुए 02 गाड़ी रवाना किया। सांसद ने बताया की टीबी मरीजों की अब आसानी से खोज हो पाएगी, वहीं इलाज के बाद इसके संक्रमण दर को खत्म करने में भी काफ़ी आसानी होगी। उन्होंने बताया की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय देश से तपेदिक (टीबी) को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। आज 07 दिसंबर से टीबी उन्मूलन पर शुरू होने वाले 100 दिवसीय गहन अभियान में राज्य के 10 जिलों में पूर्वी चम्पारण को भी शामिल किया गया है, दोनों वाहन में उपलब्ध अत्याधुनिक एक्स रे मशीन के द्वारा टीबी मरीजों की जांच व खोज तुरंत हो पाएगी जिससे टीबी मुक्त अभियान में काफ़ी लाभ होगा। सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया की जिले के सभी प्रखंडो में रूट चार्ट अनुसार प्रतिदिन 04 पंचायतों में वाहन घूमेगा और टीबी के लक्षण वाले लोगों की खोज में मददगार होगा। सीएस ने कहा की अभियान की सफलता हेतु जनमानस में प्रचार प्रसार किया जाना बेहद जरूरी है।
परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्देशित है कि टीबी के रोगियों को खोजने, टीबी से होने वाली टीबी मरीजों की मृत्यु दर को कम करने और टीबी से नये व्यक्तियों को संकमित न होने देने के प्रयासों में तेजी लाने के उद्देश्य से 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान का शुभारंभ दिनांक 07 दिसम्बर, 2024 को किया जाना है, जो विश्व यक्ष्मा दिवस 24 मार्च, 2025 तक चलेगा। इस अभियान के उद्देश्य है  टीबी के नये रोगियों की खोज के साथ जन भागीदारी एवं सामुदायिक जागरूकता के माध्यम से उच्च जोखिम युक्त जनसंख्या की टीबी स्क्रीनिंग और जांच, टीबी रोगियों की मृत्यु दर को कम करना, टीबी रोग से पीड़ित व्यक्तियों में डिफरेंशिएटेड टीबी केयर पद्धति का क्रियान्वयन एवं पोषण संबंधी सहायता प्रदान करके मृत्यु की संभावना को कम करना । टीबी के नये रोगी न बनने देना, टीबी रोगी के घर में साथ रहने वाले व्यक्तियों, एचआईवी पीड़ित व्यक्तियों और समुदाय में उच्च जोखिम वाली जनसंख्या को टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेण्ट प्रदान कराना ।
उन्मूलन के लिए सभी का सहयोग जरूरी :
जिला यक्षमा पदाधिकारी डॉ संजीव ने बताया की टीबी हारेगा, देश जीतेगा। उन्होंने बताया 100 दिवसीय अभियान के तहत टीबी रोगियों की पहचान कर टीबी से होने वाली मौतों की दर में कमी कर, टीबी से नए लोगों को संक्रमित होने से रोकने के लिए जिला स्तर पर तेज गति से प्रयास किया जा रहा है। टीबी उन्मूलन के सफलता के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों, पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों, अन्य समुदाय, निजी क्षेत्र, मीडिया, गैर-सरकारी संगठनों और विभिन्न संबंधित विभागों का शामिल होना महत्वपूर्ण है। सभी का सहयोग मिलेगा तो निश्चित ही टीबी हारेगा।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संजीव, डॉ सुनील कुमार, डॉ आशुतोष शरण, डब्लूएचओ के राज्य प्रतिनिधि डॉ कुमार गौरव, वर्ल्ड विजन के डीसी रंजन कुमार वर्मा, जीतेन्द्र कुमार, सिफार डीसी सिद्धांत कुमार, जिला यक्ष्मा केंद्र के अरविन्द कुमार, अमरेंद्र कुमार, मनु सिंह व अन्य लोग उपस्थित थें।
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