दम्पत्तियों के बीच पहले गर्भधारण मे देरी तथा दो बच्चों मे 03 साल का हो अंतराल

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  • लक्षित गर्भवती महिलाओं के बीच पोषाहार का वितरण एवं पोषण ट्रैकर एप्प में हो संधारण
  • प्रसव पूर्व जाँच पर जोर देने हेतु जिला योजना पदाधिकारी के द्वारा की गईं समीक्षा
मोतिहारी : जिले के कल्याणपुर प्रखंड में आकांक्षी प्रखंड योजना के तहत संपूर्णता अभियान की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला योजना पदाधिकारी धनंजय कुमार ने की, जिसमें प्रखंड के अन्य पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में संपूर्णता अभियान के छह सूचकांकों की प्रगति की समीक्षा की गई।समीक्षा में पाया गया कि जीविका द्वारा रिवॉल्विंग फंड सूचकांक में अच्छा प्रदर्शन किया गया है, जबकि स्वास्थ्य विभाग को एएनसी और एनसीडी क्षेत्रों में सुधार के निर्देश दिए गए हैं। आईसीडीएस और अन्य  क्षेत्रों में अभी और सुधार की आवश्यकता बताई गईं है। ताकि आने वाले माह में प्रखंड के सभी सूचकांकों को पूर्णतया संतृप्त किया जा सके।पिरामल जिला प्रतिनिधि मुकेश कुमार ने बताया कि सितंबर तक सभी सूचकांकों को संतृप्त करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि प्रखंड के नागरिकों को इसका पूरा लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा जनवरी 2018 में शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम को अब प्रखंड और पंचायत स्तर पर लागू किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना और समावेशी विकास सुनिश्चित करना है।
दम्पत्तियों के बीच पहले गर्भधारण मे देरी तथा दो बच्चों मे 03 साल का हो अंतराल:
मुकेश कुमार ने कहा की बिहार में परिवार नियोजन एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास से सीधे जुड़ा हुआ है। परिवार नियोजन महिलाओं को यह अधिकार देता है कि उनके कब और कितने बच्चे हों। परिवार नियोजन के कई लाभ हैं, जिनमें माता और बच्चों का बेहतर स्वास्थ्य, गरीबी में कमी और बेहतर शिक्षित आबादी शामिल है। गर्भनिरोधक का उपयोग महिलाओं के लिए विशेष रूप से युवा, कम बच्चों वाली महिलाओं, और लड़कियों में गर्भावस्था से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को रोकता है। दम्पत्तियों के बीच पहले गर्भधारण मे देरी तथा दो बच्चों मे 03 साल का अंतराल के लाभ एवं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है l
सूचकांक की महत्वपूर्ण बातें:
प्रसव पूर्व जांच12 सप्ताह के पहले हो। 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों का उच्च रक्तचाप की जांच। 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों का मधुमेह की जांच। लक्षित गर्भवती महिलाओं को पोषाहार का वितरण एवं पोषण ट्रैकर एप्प में संधारण हो। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रभात कुमार और रुपेश कुमार सिंह, प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल वर्मा, मुखिया  संजय कुमार, मुखिया सुरेन्द्र कुमार, बीपीएम जीविका, आनंद कुमार, पिरामल फाउंडेशन के मुकेश कुमार, राणा फ़िरदौस और अन्य उपस्थित थे।
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