अपन पॉलिटिक्स बेची हम बजरिया में बड़ा मजा आवे इ नौकरियां में : डॉ रविंद्र कुमार रवि

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मुजफ्फरपुर, कफील एकबाल। 
शब्द  शिल्पी एवं कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंद जयंती पखवाड़ा अतर्गत नगर के बैरिया मे  जागृति संबद्ध अखिल भारतीय विकल्प के तत्वावधान मे आयोजित जयंती समारोह के मुख्य  वक्ता राज्य के प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी एवं पूर्व  कुलपति डॉ रविंद्र कुमार रवि ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद की लेखनी भारत की वास्तविक तस्वीर है। मुंशी प्रेमचंद ने साम्राज्यवाद के खिलाफ नए हथियार के साथ युद्ध किया , उनका हथियार था राष्ट्र प्रेम ,उपेक्षित एव  संघर्षशील वर्ग के साथ प्रतिबद्धता। अपने पात्रों के माध्यम से व्यवस्था का  जिस प्रकार उन्होने जीवंत चित्रण किया वह कही और नही दिखा। वास्तव में मुंशी प्रेमचंद आजादी के बाद देश को जिस स्वरूप में देखना चाहते थे उसे  उन्होंने अपनी कलम और पात्रों के माध्यम से दर्शाया । डॉ रविंद्र कुमार रवि ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद समाज के तमाम पीड़ित वर्ग जिसमे गरीब,किसान,मजदूर ,महिला एवं आजादी  की लड़ाई मे संघर्षरत सेनानी थे, के लिए शक्ति श्रोत बनकर  उनमे उर्जा भरी। वे सही मायने में राष्ट्रीय आंदोलन के एक मजबूत योद्धा थे। डॉ रवि ने  मुंशी प्रेमचंद की  कहानियो के महत्वपूर्ण प्रसंग से  साक्षात्कार कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नंद किशोर तिवारी एवं नीरज कुमार ने की। अध्यक्षीय वक्तव्य में दोनों वक्ताओं ने कहा कि काश आजाद भारत के रहनुमा प्रेमचंद साहित्य के पात्रों के मर्म को समझ  देश को सही दिशा की ओर ले गये रहते तो आज देश में इतनी असमानता नहीं होती। “जनवाद आंदोलन के साहित्यिक योद्धा “विषय  पर संबोधित करने वालों में कृष्णानंद सिंह, बैजू कुमार, धीरेंद्र धीरू, पूजा कुमारी, चंद्रभूषण ,भूप नारायण सिंह, रामलाल आदि थे ।कार्यक्रम के दूसरे सत्र में आयोजित कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ रविंद्र उपाध्याय ने की। गोष्ठी में रचना प्रस्तुत करने वालों में डॉक्टर उपाध्याय ,डॉ रविंद्र कुमार रवि ,मोहम्मद आरिफ ,मोहम्मद आलम सिद्दीकी ,अली अहमद मंजर, हेमा सिंह ,सागर कवि, मकरध्वज भक्त ,वीरेंद्र कुमार, पूजा कुमारी, विभाकर विमल ,नारायण कुमार, विनय वर्मा ,बैजू कुमार आदि थे।
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