- अतिक्रमण उजाडो अभियान मे उजड गया मीना बाजार द्वार
अशोक वर्मा
मोतिहारी : नगर का मुख्य गांधी चौक एवं मीना बाजार प्रवेश द्वार जहां कभी काफी रमन चमन रहता था आज अतिक्रमण उजाडो अभियान अंतर्गत उजड़ गया। प्रवेश द्वार की सारी दुकाने प्रशासन द्वारा हटा दी गई ।वैसे सड़क से अलग पूर्वी भाग में दुकानें सजी थी लेकिन प्रशासन का अपना नियम होता है और लंबे समय के बाद पूरे शहर में अतिक्रमण उजाडो अभियान चलाया जा रहा है। लगभग 30 वर्ष पूर्व तात्कालिन जिला पदाधिकारी दीपक कुमार ने जोरदार अतिक्रमण उजाडो अभियान चलाया था लेकिन साथ-साथ उन्होंने शहर को सुंदर बनाने का भी कार्य किया था और अस्पताल चौक ,जिला स्कूल रोड,नवयुवक पुस्तकालय का बाहरी भाग तथा नगर भवन के सामने स्व वित्तीय राशी से सैकडो दुकानें बनाकर काफी लोगों की बेरोजगारी दूर की थी। अतिक्रमण में जितने लोग उजड़े थे उसके साथ-साथ जनरल जरुरतमंद लोग भी दुकाने ली थी। जिला प्रशासन ने दुकान बनाने का निर्णय लिया था और आवेदन लेकर बजापते लोगों को दुकाने दी और उन्हे रोजगार का अवसर दिया। इस बार का अतिक्रमण उजाड़ो अभियान प्रारंभ तो हो गया है लेकिन अगर दीपक कुमार की तरह वर्तमान जिला पदाधिकारी भी पुनर्वासित करने के लिए दुकान स्व वित्तीय सहयोग से निर्माण करावे तो लोगों को जो घाव लगा है उस पर मरहम पट्टी भी लग जाएगी और उनकी दुआएं भी जिला पदाधिकारी को मिलेगी । फुटपाथ एवं ठेला दुकानदार यूनियन के अध्यक्ष समाजसेवी हजार हुसैन अंसारी ने बताया की प्रत्येक वर्ष जिला प्रशासन को सरकारी जमीन पर स्वादित्य योजना अंतर्गत दुकान बनवाकर देनी चाहिए । पहले तो प्रशासन के लोग बसा देते हैं बाद में गरीबों का जीव कोपार्जन का आधार छीन लेते हैं यह अमानवीय कार्य है ।यह सही है कि अतिक्रमण वाली जमीन सरकार खाली करावे लेकिन उजड़े लोगों के लिए स्थाई व्यवस्था भी होनी चाहिए ताकि उनके घर परिवार पर विपत्ति नहीं आवे भुखमरी की समस्या नहीं हो।
जानकारी के अनुसार मुख्य मार्ग के दोनों तरफ जो नाली बनी हुई है वह पूरी तरह से अतिक्रमित है ।नाली मे पानी बहने के लिए कोई साधन नहीं है और सारे नालियों पर स्लैब डाल दिया गया है स्लैब के अलावा दुकानदार अपने दुकानों को 10 फीट तक आगे सजाते हैं इस तरह से सड़क अतिक्रमण होता है और मुख्य मार्ग संकीर्ण हो जाता है जिसके कारण वहा आवागमन में आम लोगों को काफी कष्ट होता है तथा ट्रैफिक जाम भी होती रहती है ।इस बार जो अतिक्रमण ऊजाडो अभियान चल रहा है उसके तहत बताया जाता है कि नाली का भी निर्माण होगा साथ-साथ फुटपाथ भी बनेंगे जिससे आम लोगों को चलने में कोई कठिनाई नहीं हो। इसबार पुन: अतिक्रमण करने पर फाइन करने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से लागू किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस तरह का उजाड़ अभियान बराबर होता ही रहता है,लोगो का कहना है कि हम लोग उजडते रहते हैं और फिर बसते रहते हैं। उजड़े लोगों के अंदर प्रशासन के प्रति यही आम धारणा बैठी है।प्रशासन के लोग भी कुछ अतिरिक्त ऊपरी राशि लेकर लोगों को पुनःबसा देते हैं, यह गलत परंपरा लंबे समय से चल रहा है, जबकि इसका स्थाई समाधान होना चाहिए ।मीना बाजार का मुख्य द्वारा अतिक्रमण मुक्त हो जाने से अब खुला नजर आ रहा है ।अंग्रेजों के जमाने में बना हुआ मुख्य द्वार अब लोगों को स्पष्ट दिख रहा है लेकिन इस अतिक्रमण अभियान के साथ-साथ मीना बाजार के अंदर को भी अतिक्रमण मुक्त कर दिया जाय तथा दुकानदारों को सटर के अंदर दुकान लगाने के लिए प्रशासन सख्ती करें तो आम लोगों को सहूलियत होगी। इसके अलावा अतिक्रमण उजाड़ो अभियान के साथ साथ सबसे पहले नाली निर्माण का जो पारंपरिक तरीका है उसे समाप्त कर आधुनिक तरीका अपनाना होगा।इस विज्ञान के युग मे कारगर होगा। सीधे पाइप बिछाने की अब जरूरत है ।जालीदार पाइप होने से कचरा का उसमें जाने का प्रश्न नहीं उठेगा और पानी का बहाव होता रहेगा। नाली पर किसी तरह का स्लेब रखना या उसको बंद करने वाले पर तत्क्षण फाइल करने की भी व्यवस्था प्रशासन द्वारा होनी चाहिए। वैसे प्रशासन का इस तरह का ड्राइव चलता ही रहता है देखना है की आगे अतिक्रमण पुण: होता है या नहीं।
