अशोक वर्मा
साहेबगंज : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय साहेबगंज सेवा केंद्र द्वारा 21 जुलाई से 29 जुलाई तक शिव मंदिर परिसर में आयोजित द्वादश ज्योर्तिलिंगम दर्शन मेला के छठे दिन काफी संख्या में ज्योतिर्लिंग के दर्शन हेतु लोग पहुंचे और बारी-बारी से सभी ने ज्योतिर्लिंग की पूजा अर्चना कर परमपिता परमात्मा शिव बाबा के समक्ष अपने दिल की बातों को रखा। तथा उक्त अवसर पर पहुंचे उत्तर बिहार की वरिष्ठ राज्ययोगिनी मीना दीदी ने अपने प्रवचन में कहा कि भक्ति मार्ग में स्थापित मान्यता के अनुसार देश के जिन क्षेत्रों में शिव बाबा का अवतरण हुआ वहां शिवलिंग की स्थापना हुई और देश में मुख्य 12 स्थान है जो मुख्य तीर्थ स्थल है। उन्होंने सेवा केंद्र प्रभारी बीके गीता बहन के संकल्प से आयोजित इतने बड़े कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिव बाबा का संदेश ज्योतिर्लिंग के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है ।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में संध्या समय गीत ज्ञान प्रवचन माला का कार्यक्रम हुआ जिसमें बेगूसराय से पधारी वरिष्ठ राजयोगिनी बीके कंचन दीदी ने गीता के रहस्य पर बताया कि भीष्म पितामह जैसे महान लोग भी समाज को नहीं सुधर पाए जबकि उस समय काफी लोग योद्धा और ज्ञानी भी थे ।उन्होंने अर्जुन के वैराग्य प्रसंग पर विस्तार से प्रकाश डाला कंचन बहन ने कहा कि गीता ग्रंथ में बताएं समय के अनुसार परमपिता परमात्मा का “भारत की भूमि पर अवतरण हो चुका है और उनके द्वारा नई दुनिया का निर्माण कार्य चल रहा है जो अब अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि गीत मे वर्णित है कि यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानि भारत भूमि— यानी जब-जब धर्म की हानी होती है तब तक भारत की भूमि पर मै अवतरित होता हू। आज अपने निर्धारित समय पर शिव बाबा अवतरित होकर नई पवित्र दुनिया का निर्माण कार्य कर रहे हैं ।बीके कंचन दीदी ने गीता के अन्य प्रसंगों को भी रखा तथा कहा कि भावी टल नहीं सकता । महाभारत हुआ उसके बाद फिर दुनिया नए सिरे से आरंभ हुई।
उन्होंने गीता ज्ञान कोजीवन में धारण करने को कहा। सेवा केंद्र प्रभारी ने दोनो दीदियो को विशेष रूप से सम्मानित किया ।सम्मान में उन्होंने चुनरी ओढाया तथा विशेष माला एवं मुकुट पहना करके उनका अभिनंदन किया।
