मच्छर जनित रोगों से बचने के लिए पानी जमा न होने दें, फॉगिंग मशीनों को चालू हालत में रखें : डीएम

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  • डेंगू व चिकनगुनिया, मलेरिया रोग  नियंत्रनार्थ जिला टास्क फ़ोर्स की हुई बैठक
  • सभी स्वास्थ्य संस्थानों में दवा, जाँच मशीन, चिकित्सकों की उपलब्धता का रखें ध्यान
मोतिहारी : डेंगू व चिकनगुनिया, मलेरिया के नियंत्रनार्थ एईएस/ जेई कालाजार एवं मिजिल्स रुबेला से सम्बन्धित
अंतः विभागीय जिला टास्क फ़ोर्स की बैठक जिलाधिकारी पूर्वी चम्पारण श्री सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गईं। जिसमें आईसीडीएस, जीविका, पंचायती राजपदाधिकारी, जिला सुचना जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला स्वास्थ्य समिति, व अन्य सभी विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थें।
जिलाधिकारी  ने स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों को मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ ही जाँच – इलाज का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के साथ ही सभी संबंधित विभाग को गतिविधियां चलाने का निर्देश दिया।उन्होंने कि बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया के मामले बढ़ जाते हैं और ये मच्छर काटने से होते हैं। मच्छर जनित रोगों से बचने के लिए जरूरी है कि अपने घरों व आसपास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें। शहरी स्थानीय निकाय व विकास एवं पंचायत विभाग अपनी फोगिंग मशीनों को चालू हालत में रखें।मच्छरों के पनपने पर अंकुश लगाने के लिए सभी स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य व विकास एवं पंचायत विभाग आपसी तालमेल से कार्य करें और योजनाबद्ध तरीके से स्लम एरिया व अन्य क्षेत्रों में बेहतर क्वालिटी की दवा का छिड़काव करवाएं, ताकि मच्छर समाप्त हो। इसके लिए सभी विभाग अपनी फॉगिंग मशीनों की मरम्मत आदि का काम करवाकर तैयार रखें। मच्छर जनित रोगों की रोकथाम व नियंत्रण की जानकारी उपलब्ध कराए। डीएम ने निर्देश दिया महादलित टोलो, ब्लॉक, अनुमण्डल एवं जिला स्तर पर सिविल सर्जन विभाग के कार्यों की समीक्षा करें। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में दवाए, जाँच, मशीन का उपलब्धता पर ध्यान रखें की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो, चिकित्सक संस्थान में समय पर उपलब्ध हो क़्वालिटी में कमी न हो अन्यथा विभागीय काररवाई की जाएगी। हम अखबारों के माध्यम से भी विभाग पूरी नजर रखते है।
– एईएस के 09 केस एवं जेई के 01 केस आए है
 जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चंद्र शर्मा ने जिलाधिकारी को एईएस डेंगू, एवं वेक्टर रोगों की पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया की जिले में एईएस के 09 केस एवं जेई के 01 केस आए है। इससे बचाव के लिए जिले में चौपाल आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सभी सरकारी अस्पतालों में एम्बुलेंस व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध है। वहीं उन्होंने बताया की पिछले वर्ष डेंगू के 455 मरीज प्रतिवेदित हुए है।उन्होंने बताया की सदर अस्पताल में डेंगू मरीजों के इलाज हेतु 10 बेड, अनुमण्डलीय अस्पताल में 05 बेड, पीएचसी में 02 बेड बनाए गए है।डॉ शर्मा ने बताया की मलेरिया माह चल रहा है, जिले के सभी प्रखंडो में मलेरिया की जाँच व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध है।उन्होंने बताया की कालाजार उन्मूलन की ओर तेजी से पूर्वी चम्पारण बढ़ रहा है।घोड़ासहन, अरेराज, पताहीं, रामगढ़वा प्रखंड में पिछले 3 वर्षों से  कालाजार के मरीज नहीं मिले है। वहीं वर्ष 2024 में मई माह तक जिले में मात्र 06 कालाजार के मरीज प्रतिवेदित हुए है।02 पीकेडीएल के मरीज मिले हैं। इस वर्ष 23 प्रखंडों में ही सिंथेटिक पाराथराईड दवा की छिड़काव 05 जून से 16 अगस्त तक से अगले 60 दिनों तक कार्य दिवस तक किया जाएगा। ताकि बालू मक्खियों का समूल नष्ट हो सकें, 113 राजस्व गांवों,110 पंचायतों व 182888 घरों में कुल 912867 जनसंख्या वाले इलाकों में दवा की छिड़काव होना है। डॉ शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया की वर्ष 2018-196, 2019- 119, 2020- 69, 2021-67,2022-67,2023-26,2024-06 (कालाजार)के मरीज प्रतिवेदित हुए है।पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य विभाग के अथक प्रयास व जागरूकता के कारण जिले में कालाजार के मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिँह, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान, डीएस डॉ अवधेश कुमार, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, डीसीएम, डीपीसी, आईसीडीएस डीपीओ,महामारी पदाधिकारी,डैम, सदर अस्पताल प्रबंधक,नगर निगम, जिला सुचना जनसंपर्क पदाधिकारी,प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, यूनिसेफ़, डब्लूएचओ, सीफार डीसी ,भीडीसीओ,व अन्य लोग उपस्थित थें।
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