श्रम संसाधन विभाग की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन एवं बाल श्रम विमुक्ति पर पूर्वी चंपारण को मिला प्रथम स्थान

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मोतिहारी। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस,  2024 के अवसर पर श्रम संसाधन विभाग  द्वारा दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान पटना में आयोजित कार्यक्रम में श्रम संसाधन विभाग की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन एवं बाल श्रम विमुक्ति के लिए किए गए कार्य पर प्रथम स्थान प्राप्त पूर्वी चंपारण जिला को सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम में माननीय मंत्री श्रम संसाधन विभाग बिहार सरकार श्री संतोष कुमार सिंह के द्वारा श्रम अधीक्षक पूर्वी चंपारण श्री सत्य प्रकाश को इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।
     श्रम अधीक्षक श्री सत्य प्रकाश के द्वारा बताया गया है कि जिलाधिकारी पूर्वी चंपारण के द्वारा समय-समय पर दिए गए मार्गदर्शन से यह संभव हो सका है। उन्होंने बताया है कि रामगढ़वा चिमनी ब्लास्ट के पीड़ितों, आंध्र प्रदेश के बालासुर ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों और गोवा दुर्घटना के पीड़ित परिवारों को 48 घंटे के अंदर देय अनुदान की राशि का भुगतान किया गया।
     उन्होंने बताया है कि बिहार प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना-2008 के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 20 आवेदन प्राप्त हुए थे,उन सभी 20 आवेदनों का ससमय निष्पादन करते हुए पीड़ित परिवारों को लाभ दिलाए गई है। बिहार शताब्दी  असंगठित कार्य क्षेत्र कर्मकार कामगार सामाजिक सुरक्षा योजना-2011 अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023 -24 में कुल 115 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें सभी प्राप्त आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई।
   बिहार भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 3477 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें 3071 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई है।
    श्रम अधीक्षक ने बताया है कि जिलाधिकारी से प्राप्त निर्देश के आलोक में बाल श्रम उन्मूलन के लिए जिला में धावा दल की टीम बनाकर  लगातार छापेमारी कराई जा रही है और मिशन मोड में अभियान चलाया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 107 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया है जिसमें पात्र 62 बाल श्रमिकों में से 51 के नाम से देय राशि फिक्स डिपाजिट कराई गई है और उन सभी के पुनर्वास की व्यवस्था की गई है। शेष बच्चे 11 बाल श्रमिकों के लिए राशि की मांग मुख्यालय से की गई है। इस अवधि में 66 नियोजन इकाइयों को दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध विधिसंवत कार्रवाई की गई है और उनसे जुर्माने की राशि वसूल की गई है।
    श्रम अधीक्षक ने बताया है कि 31 मार्च 2024 तक जिला में 1392692 असंगठित श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल पर निबंधन किया गया है।
    श्रम अधीक्षक ने कहा है कि बाल श्रम एक अभिशाप है। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को अवरूद्ध करता है। जिला प्रशासन बाल श्रम रोकने के लिए लगातार अभियान चला रहा है और इस अभियान में सभी  का सहयोग अपेक्षित है।
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