प्रधान सचिव पशु मत्स्य विभाग द्वारा गया जिला की संमिक्षा मे दिए गए निर्देश 

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गया। डॉ० एन० विजयलक्ष्मी, प्रधान सचिव पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम की उपस्थिति में जिला अतिथि गृह के सभाकक्ष में जिला पशुपालन पदाधिकारी गया, जिला मत्स्य पदाधिकारी गया, जिला गव्य पदाधिकारी, नवादा ,गया एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ समिक्षा बैठक की गई है। चिकित्सा, बधिया एवं कृत्रिम गर्भाधान की समीक्षा लक्ष्य के अनुरूप की गई है। बी ए आइ एफ के द्वारा संचालित कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों का निरिक्षण करने का निदेश जिला पशुपालन पदाधिकारी, गया को दिया गया है।
एम्बुलेन्ट्री भान का परिचालन एवं चिकित्सा शिविर जिला के सभी क्षेत्रों में नियमित रूप से कराने का निदेश दिया गया है।
 जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बताया गया की जिला के सभी पशुचिकित्सालय में प्रर्याप्त मात्रा दवा उपलब्ध है।
जिला में सम्पन्न और चल रहे टीकाकरण एफ०एम०डी०एवं एल०एस०डी० एवं पी०पी०आर० का गहन समीक्षा की गई है।आपदा के संबंध में चारा दर निर्धारण हेतु निविदा प्रकाशन का निदेश दिया गया है।
जिला पशुपालन पदाधिकारी, गया के द्वारा बताया गया की आपदा में विशेष परिस्थिति से निपटने हेतु जिला के सभी प्रखण्डों में चिकित्सीय दल का गठन कर लिया गया है।
जिला पशुपालन पदाधिकारी, गया द्वारा बताया गया की जिला में कुल 27 कैटल ट्रफ का निर्माण कराया गया है।जिसमें 07 कार्यरत है 20 अक्रियाशील है। अक्रियाशील कैटल ट्रफ की मरम्मति हेतु लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, गया को पत्र भेजा गया है।नया पशु चिकित्सालय के भवन निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध कराने को आगे की कारवाई हेतु जिला पशुपालन पदाधिकारी, गया को निर्देश दिया गया है।
 समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना 2023-24 का समीक्षा किया गया है।।जिसमें जिला पशुपालन पदाधिकारी, गया के द्वारा बताया गया की 20+1 योजना से 12 लाभुकों में से 07 लाभुकों का प्रथम किस्त का भुगतान कर दिया गया है। 40+2 योजना से 10 लाभुकों में से 05 लाभुकों का प्रथम किस्त का भुगतान कर दिया गया है। 100+5 योजना से 1 लाभुक में से 01 लाभुक का चयन हुआ है। लाभुक द्वारा शेड का निर्माण किया गया है। जिसका जाँच त्रिसदस्यें दल द्वारा कर ली गई है।समेकित मुर्गी विकास योजना 2019-20 एवं 2023-24 में 03 लाभुकों का चयन किया गया है, 03 लाभुकों का शेड निर्माण प्रक्रियाधिन है।
एन एल एम योजना में 2500 परिवार का लक्ष्य था जो 100% लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। जनजाति समुहों के विकास योजना के अन्तर्गत 35 चयनित लाभुकों में से 31 लाभुकों का भुगतान कर दिया गया है। समीक्षा के क्रम में सचिव  द्वारा संतोष व्यक्त किया गया है। इसके बाद मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार, पटना के द्वारा मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई, जिसमें भ्रमण दर्शण, प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना अंतर्गत उन्नत इनपुट योजना की शत प्रतिशत उपलब्धि हुई एवम् अन्य योजनाओं पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण, तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना, यांत्रिक एरेटर योजना में अपेक्षित उपलब्धी करने को निदेश दिया गया है।
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