पाकुड : चुनावी माहौल में मजदुर काफी संख्या में पलायन कर रहे है मजदूरों को पाकुड़ लोकतंत्र का महापर्व भी नहीं रोक पा रहा है।1 जून को जिले में मतदान होना है, और हर दिन हजारों मजदूर अन्य राज्यों की ओर भाग रहे हैं। प्रशासन की अपील और कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों के वादे मजदूरों को रोक नहीं पा रहे हैं। ऐसे में इससे आने वाले चुनाव में मतदान भी प्रभावित हो सकता है।
चुनाव के दौरान, विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी लोगों को अपील करते हैं कि वे मतदान करें। वहीं हर गांव से कामगार पलायन कर रहे हैं। श्रमशक्ति का पलायन इतना तेजी से हो रहा है कि जिले के लिट्टीपाड़ा हिरणपुर से सैकड़ों ऑटो की बहुत सी संख्या पाकुड़ रेलवे स्टेशन पहुंच रही है।लिट्टीपाड़ा प्रखंड के करमा टार पंचायत के मुर्गावानी गांव के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि गांव में काम नहीं है।
ग्रामीण पानी की समस्या के कारण पलायन करने को मजबूर
ग्रामीण पानी की समस्या के कारण पलायन करने को मजबूर हो रहे है। ग्रामीणों के द्वारा बताया जा रहा है की गांव के ज़्यादातर कुआं सुख चुके है साथ ही गांव में मौजूद चापकल का पानी भी सुख चूका है जिसके कारण ग्रामीणों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों से पूछ ताछ पर उन्होंने ने बताया की उन्हें लोकसभा चुनाव से कोई मतलब नहीं है। क्युकी गांव में जितने भी नेता आते है सब भाषण देकर अपना काम निकालते है. जनता के दुखों से उन्हें कोई मतलब नही रहता है और न ही रोजगार की कोई व्यवस्था रहती है इसी कारण से वह पलायन करने को मजबूर है।
