डॉ राजेश कुशवाहा बने इंडिया गठबंधन वीआईपी उम्मीदवार, मुकेश सहनी ने दिया सिम्बल

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  • एनडीए प्रत्याशी राधा मोहन सिंह एवं वीआईपी इंडिया गठबंधन प्रत्याशी डॉ राजेश कुशवाहा के बीच होगी सीधी टक्कर 
अशोक  वर्मा
मोतिहारी : 20 दिन के जारी अटकलो के बीच अंतत: पूर्वी चंपारण लोकसभा के महत्वपूर्ण सीट पर इंडिया गठबंधन ने डॉक्टर राजेश कुशवाहा को उतारकर चर्चा  पर विराम लगा दिया।मोतिहारी पूर्वीचंपारण लोकसभा  सीट कई टर्म तक सीपीआई का रहा फिर आरजेडी का था।वर्तमान मे कई टर्म से इस सीट पर भाजपा के राधामोहन  सिंह  का कब्जा है।लेकिन इस बार मुकेश सहनी के वीआईपी का ईडिया गठबंधन में शामिल होने के कारण बिहार में तीन सीट इनको मिली  जिसमें एक मोतिहारी सीट भी है।
इंडिया गठबंधन ने हर दृष्टिकोण से गहन मंथन कर राजद के पूर्व विधायक डॉ राजेश कुशवाहा के नाम पर मोहर लगा दी। वैसे इस सीट के लिए कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष  डॉक्टर अखिलेश प्रसाद सिंह अपने पुत्र एवं पूर्व लोकसभा प्रत्याशी आकाश सिंह के लिए बहुत दबाव बनाए थे लेकिन चुकि पूर्वी चंपारण लोकसभा  सीट के लिए  इंडिया गठबंधन मजबूत उम्मीदवार उतारना चाहता था क्योकि राधा मोहन सिंह एनडीए के बड़े उम्मीदवार के रूप में सामने  हैं ।भाजपा ने उनका नामकरण भीष्म पितामह रख दिया है। वैसे दौर में कुशवाहा समाज का नेतृत्व करने वाले प्रत्याशी डा राजेश कुशवाहा को अपने समाज के साथ वीआईपी पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी के खेमा का  बड़ा वोट बैंक मिल रहा है,इसीलिए  डॉक्टर राजेश कुशवाहा के नाम पर सभी की सहमति बनी और कल संध्या समय उनके नाम की घोषणा कर दी गई। माय समीकरण हमेशा लालू का मुख्य वोट बैक रहा है।
पूर्वी चंपारण जिला वर्तमान  समय भाजपा का गढ  है। इसके पहले यह सीट वामपंथियों का रहा है। राजद की रमादेवी भी यहां की एमपी रह चुकी है लेकिन राम मंदिर निर्माण के बाद तथा पूरे देश में नरेंद्र मोदी के नाम का डंका बजने के कारण मोतिहारी भाजपा प्रत्याशी राधा मोहन सिंह को इसका भरपूर लाभ मिल सकता है । किसी के लिए भी राधा मोहन सिंह को टक्कर देना आसान नही होगा,लेकिन सीधी लड़ाई  होने सेक्स बार पहलवान भी बराबरी का मिला है। इं डि या गठबंधन  इस बार फूक फूक कर कदम रख रहा है। इसलिए तमाम  समीकरण को देखकर डॉ राजेश कुशवाहा को एक मजबूत प्रत्याशी के रूप में इं डि या गठबंधन ने  उतारा हैं ।लड़ाई रोचक होगी पलडा किधर जाएगा यह वक्त बताएगा।80 और 20% का मामला भी बन सकता है।यानि एकबार फिर मंडल और कमंडल को आमने सामने आने की पुरी संभावना है।
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