भाकपा माले जिला कमिटी,पूर्वी चंपारण ने पूर्व पंचायत समिति सदस्य जितेंद्र कुशवाहा उर्फ जीतू कुशवाहा हत्याकांड की जांच कर रिपोर्ट जारी की

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अशोक वर्मा
मोतिहारी : भाकपा माले की एक जांच टीम ने पिपरा थाना क्षेत्र के महुआवां गांव का दौरा किया और वहां मृतक जितेंद्र कुशवाहा पिता जयगोविंद भगत के परिजनों और अन्य ग्रामीणों से मिलकर घटना के संबंध में जांच पड़ताल किया।जांच टीम में भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य विष्णुदेव प्रसाद यादव,वरिष्ठ जिला नेता कॉमरेड भैरव दयाल सिंह,भाग्यनारायण चौधरी,मोतिहारी नगर कमिटी सदस्य रंजन कुमार शामिल थे ।जितेंद्र कुशवाहा तीन भाइयों में मझिल थे।और उनके पिता भी जिंदा हैं।जितेंद्र कुशवाहा दोनो भाइयों से अलग होकर मुजफ्फरपुर – मोतिहारी एनएच किनारे घर बनाकर अपने परिवार के साथ रहते थे।मृतक के दोनो पुत्र क्रमशः कुणाल कुमार और कुंदन कुमार एक आईआईटी की तैयारी कर रहे हैं और दूसरा इलाहाबाद से बी फार्मा कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं।पत्नी सुमन देवी गृहिणी हैं। वे वर्ष 2016 से 2021 तक चकिया प्रखंड के महुआवा से पंचायत समिति के सदस्य थे।
उनके बड़े पुत्र कुणाल ने घटना के संबंध में बताया कि मेरे पिता जी पहले स्थानीय भाजपा विधायक श्यामबाबू यादव के साथ रहते थे।उनके सिफारिश पर परसौनी किशुनपुर पंचायत में उनको पंचायत भवन और सामुदायिक भवन बनवाने का टीका मिला था जिसमे डॉक्टर संजय कुमार भी शामिल थे जो भाजपा के जिला महामंत्री हैं।एग्रीमेंट मेरे पिता जी के नाम से था।इसलिए उन्होंने कर्ज उठाकर बहुत सारा पैसा उसमे लगाया और दो वर्ष पहले ही काम पूरा फाइनल करा दिया।
लेकिन विधायक ठेकेदारी का पैसा पेमेंट नही होने दे रहे थे अब मामला क्या था ?मुझे जानकारी नहीं है लेकिन इसको लेकर वे बहुत तनाव में रहते थे और अनेकों बार विधायक और संजय डॉक्टर से उनका झगड़ा भी हुआ था।जिस संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी बनाकर एक रोज पहले सोशल मीडिया पर डाला था।जिसमे उन्होंने ने अपने हत्या की आशंका जाहिर की थी।
प्रतिदिन की भांति 10जुलाई 2023 को भी वे सुबह में टहलने निकले थे मगर काफी देर तक घर वापस नहीं लौटने पर जब परिजनों और गांव के अन्य लोगों द्वारा खोजबीन शुरू की गई। तो खोजने के क्रम में ही पता चला कि घर से पूर्व तरफ एक पोखरा में लाश है।जिसको देखने पर पता चला की यह लाश जितेंद्र कुशवाहा की है जिसका खोपड़ी नही था।हत्या कैसे और कौन चीज से और कहां करके लाश पोखरा में फेंक दी गई दी? अभी भी स्पष्ट नहीं है।अन्य सभी लोगों ने भी कुणाल के बयान की पुष्टि किए हैं।
उनके दरवाजे पर मौजूद सभी लोगों ने पुलिस की अभी तक की भूमिका पर असंतोष और आक्रोश जाहिर किया है।पुलिस राजनीतिक दबाव में केस को रफा दफा करना चाहती है।इसीलिए नामजद एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अभी तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।जिसमे मुख्य अभियुक्त स्थानीय विधायक श्यामबाबू यादव हैं।वीडियो भी पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया है।
अतः भाकपा माले जांच टीम मांग करती है कि –
1.जितेंद्र कुशवाहा हत्याकांड के नामजद अभियुक्तों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए और घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तथा स्पीडी ट्रायल चलाकर दोषियों को न्यायालय से जल्द सजा दिलाई जाए।
2.मृतक के आश्रितों को 25लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।
3.उनके दोनो लड़के की पढ़ाई का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाए।
4.हत्यारों द्वारा सजा से बचने के लिए केस के मुदई और गवाहों की भी हत्या की आशंका है इसलिए पुलिस प्रशासन उनके सुरक्षा की गारंटी दे
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