- एमओआईसी, एसटीएस, एसटीएलएस का हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण
- टीबी मुक्त पंचायत बनाने पर दिया गया जोर
बेतिया : राष्ट्रीय टीबी मुक्त कार्यक्रम अन्तर्गत बेतिया के एक निजी होटल में एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार की अध्यक्षता में हुआ। सिविल सर्जन ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। जिलास्तरीय उन्मुखीकरण में जिले भर के एमओआईसी, एसटीएस, एसटीएलएस को अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा एवं डब्लूएचओ के राज्य प्रतिनिधि डॉ गौरव के द्वारा निःशुल्क टीबी की जाँच, उपचार एवं निक्षय पोषण योजना, डिफरेंसीयेटेड टीबी केयर ट्रेनिंग, वित्तीय सहायता, 3 एचपी दवा की उपयोगिता एवं अन्य प्रयासों पर प्रशिक्षण दिया गया। सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने टीबी मुक्त पंचायत बनाने पर जोर देते हुए कहा की पीएचसी के साथ ही ग्रामीण स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा टीबी रोगियों की पहचान करना बेहद आवश्यक है तभी टीबी मुक्त अभियान को सार्थक बनाया जा सकता है। प्रशिक्षण के दौरान टीबी मरीजों के लक्षणों के आधार पर परीक्षण करने, टीबी की पुष्टि होने के बाद मरीजों का पंजीकरण कर दवाओं के पूरा कोर्स कराने, उनकी
इलाज की सुविधा के साथ सतत निगरानी करने की बात कहीं गईं।
मरीजों की पहचान हेतु प्रचार – प्रसार जरूरी :
एसीएमओ डॉ रमेश चंद्रा ने कहा की सामुदायिक क्षेत्रों में चौपाल के साथ जनप्रतिनिधियों के सहयोग से टीबी के बारे जन जागरूकता बेहद जरूरी है, लोगों को आशा, स्वास्थ्य कर्मियों व शोशल मिडिया के माध्यम से बताए की दो हफ्ते तक खांसी के दौरान खून आता है। छाती में दर्द और सांस फूलती है। लगातार वजन का कम हो रहा है तो देरी न करें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी की जाँच कराए।
वहीं टीबी मरीज को कौन सी दवा कितने दिनों तक खिलानी है, इसकी पूरी जानकारी प्रशिक्षण सत्रों के दौरान दी गई। निक्ष्य पोषण योजना के तहत क्षय रोगियों के पहचान होने के पश्चात के आर्थिक लाभ, आदि के बारे में विस्तृत जानकारी से अवगत कराया गया।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा, डब्लूएचओ के राज्य प्रतिनिधि डॉ गौरव, डॉ चेतन जायसवाल, एमओआईसी, एसटीएस, एसटीएस, जिला यक्षमा केंद्र के सूर्य नारायण साह व अन्य लोग उपस्थित थें।
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