जिले के एनजीओज ग्रूप की बैठक संपन्न

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  • प्राकृतिक आपदा के बदलते घातक रूप का निवारण सामुहिक  प्रयास से ही संभव -अमर
अशोक  वर्मा
मोतिहारी  : इंटर एजेंसी ग्रुप पूर्वी चंपारण और पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से पीरामल कार्यालय बलुआ में जिले में कार्यरत स्थानीय एनजीओ का एक समन्वय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में 10 एनजीओ के 20 सदस्यों ने भाग लिया, जिन्होंने अपने कार्यों और अनुभवों को साझा किया। बैठक में आइडिया, प्रयास, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, सेव द चिल्ड्रन, एपीकोर, स्नेहा सदन, और सामाजिक शोध एवं विकास केंद्र और आलोक फाउंडेशन जैसी प्रमुख संस्थाओं ने भाग लिया।
आपदाओं के बदलते स्वरूप और इसकी मारक क्षमता से प्रभावित हाशिए पर रहने वाले समुदायों को विकास के हर पायदान से पीछे धकेल दिया है। इसमें मानवीय आपदाओं की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक हैं। हमें इसके निवारण की दिशा में समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है, अन्यथा हम जो भी विकास करना चाहते हैं, वह धराशाई हो सकता है। यह बेहद जरूरी है कि हम प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखें, क्योंकि यही समय की मांग है।
बैठक का संचालन इंटर एजेंसी ग्रुप पूर्वी चंपारण के संयोजक अमर ने किया, जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विकास क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं के सामने गंभीर चुनौतियां हैं, जिनका समाधान सामूहिक प्रयास से ही संभव है। उन्होंने कहा कि सरकारी और प्रशासनिक प्रयासों के बावजूद समाज में कई समस्याएं अभी भी मौजूद हैं, जिनका समाधान केवल समन्वित और सशक्त प्रयासों से ही किया जा सकता है। इन संस्थाओं का काम सरकार, प्रशासन और समुदाय के बीच एक पुल के रूप में है, और उनका सामूहिक प्रयास पंचायती राज संस्थाओं के साथ मिलकर समस्याओं का समाधान करने में सहायक होगा।
बैठक में पीरामल फाउंडेशन के कोर सदस्य श्री अकरम जी ने बताया कि बिहार के सभी 38 जिलों को नीति आयोग द्वारा कई मानकों पर पिछड़ा माना गया है, और पीरामल फाउंडेशन इन जिलों में चुनिंदा प्रखंडों में कार्य कर रही है। उन्होंने जोर दिया कि इन समस्याओं के समाधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह, कुपोषण, टीकाकरण, परिवार नियोजन, कृमि मुक्ति, मलेरिया, कालाजार, फाइलेरिया और संस्थागत प्रसव जैसे मुद्दों पर पंचायत स्तर पर काम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पीरामल फाउंडेशन के जिला हेड श्री मुकेश जी ने कहा कि यदि सभी एनजीओ सामूहिक रूप से पंचायत में बाल विवाह, कुपोषण, टीकाकरण आदि मुद्दों पर काम करें और पंचायत को इन समस्याओं से मुक्त कर दें, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। बैठक में उपस्थित अन्य प्रतिनिधियों ने भी इस बात का समर्थन किया और पंचायत को गोद लेकर उसे सशक्त बनाने का संकल्प लिया।
बैठक में विचार व्यक्त करते हुए आइडिया प्रयास की श्रीमती रागिनी कुमारी, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के श्री विजय कुमार, आलोक फाउंडेशन के आलोक जी, सेव द चिल्ड्रन के सुमन जी, स्नेहा सदन की सिस्टर जोनाथन, सामाजिक शोध एवं विकास केंद्र के त्रिलोकी जी, एपीकोर के हीरालाल जी, पीरामल फाउंडेशन के राणा फ़िरदौस, और अरविंद कुमार सिंह, धीरेंद्र प्रसाद ने भी अपनी-अपनी संस्थाओं के अनुभव साझा करते हुए समस्याओं के समाधान के लिए समन्वित प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक का उद्देश्य एनजीओ के बीच सहयोग को बढ़ाना और जिले में बेहतर सामाजिक विकास को सुनिश्चित करना था। सभी एनजीओ ने पंचायत सरकार के साथ मिलकर ग्राम सभा के आयोजन और पंचायती राजk को समस्याओं से मुक्त करने का संकल्प लिया, जिससे एक मॉडल पंचायत का विकास हो सके।
इस बैठक का समापन सामूहिक प्रयासों से समस्याओं के समाधान और पंचायतों को सशक्त बनाने के संकल्प के साथ किया गया।
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