दलाई लामा एवं अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तीन दिवसीय सम्मेलन शुरु

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गया। बोधगया में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संघ मंच के द्वारा बोधगया के सांस्कृतिक केंद्र में तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा ने किया उद्घाटन।
अंतरराष्ट्रीय संघ मंच के तीन दिवसीय सम्मेलन में 35 देशों के करीब 2500 बौद्ध धर्म के श्रद्धालु जुटे हैं।इस मौके पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी शामिल हुए हैं।
बोधगया के पावन धरती पर पहली बार अंतर्राष्ट्रीय संघ फोरम का आयोजन किया गया है। बोधगया महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में बुधवार को बौद्ध धर्मगुरु 14वें दलाई लामा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू  और  विभिन्न देशों के संघ राजा और बौद्ध विद्वानों की संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय संघ फोरम का उद्घाटन किया गया है। इसमें तेतीस देशों के बौद्ध धर्म गुरु विभिन्न वादों के विद्वान शामिल हुए हैं। इस कार्यक्रम में भारत, थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, कंबोडिया, लाओस, श्रीलंका, तिब्बत, भूटान, नेपाल, वियतनाम, ताइवान, रूस, मंगोलिया, जापान और कोरिया सहित तेतीस देशों के 2,500 से ज्यादा बौद्ध विद्वान शामिल हुए हैं। इनमें अपना संबोधन में भिक्षु प्रो. गेशे नवांग सामतेन, भिक्षु यांगतेन रिनपोछे, प्रो. भिक्षु रालुवे पदमश्री थेरो, प्रो. भिक्षु चाव हवाई, प्रो. नाकाओ शिहोउ, कारलो लक्किस, बोधगया वटपा के महासचिव भिक्षु डा. रत्नेश्वर चकमा, भिक्षु वांगचुक दोरजे नेगी सहित कुल छियालीस वक्ताओं द्वारा तीन दिनों तक बौद्ध धर्म, पाली और संस्कृत भाषाओं की परंपराओं की आधुनिकता पर चर्चा करेंगे।
 इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जटिल पहलुओं पर बातचीत को बढ़ावा देना और 21वीं सदी में बौद्ध धर्म की विकसित भूमिका का पता लगाना है। इसके साथ ही बौद्ध धर्म की गहन शिक्षाओं पर चर्चा होगी।बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने बोधि चिंत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बोधि चिंत के अभ्यास से ही खुद को शांति और दूसरे को सूख पहुंचा सकते है। दूसरे को सुख पहुंचाना ही धर्म है। इसलिए बोधि चिंत का अभ्यास आवश्यक है। उन्होंने कहां कि जीवन की अवधारणा ही दूसरे को सुख पहुंचाना है। यदि दूसरों को सुख नहीं पहुंचाया गया तो जीवन का कोई मतलब नहीं है इसलिए सभी धर्म बंधु बोधि चिंत का अभ्यास करें।इस  कार्यक्रम का समापन 23 दिसंबर को महाबोधि मंदिर परिसर में विश्व शांति प्रार्थना के साथ होगा।इस समापन कार्यक्रम से पहले दलाई लामा सुबह को महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में विशेष पूजा अर्चना करेगी,इसके बाद तीन दिनो तक चलने वाले इस कार्यक्रम का समापन करेगे।
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