- टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट पर सीएचओ को दो दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ
- जिले में टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट के लिए थ्री एच दवा की हुई शुरुआत
मुजफ्फरपुर। टीबी रोग में जितना महत्वपूर्ण टीबी रोगियों की जांच एवं उपचार है, उतना ही महत्वपूर्ण उनके घर वालों की भी जांच है। इससे टीबी रोग को रोकने के साथ उन्मूलन में भी सहायता मिलती है। ये बातें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ सीके दास सीएचओ के टीपीटी प्रशिक्षण के दौरान मंगलवार को कही। टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट पर वर्ल्ड विजन इंडिया जिले के 57 सीएचओ को दो दिवसीय प्रशिक्षण दे रहा है। मालूम हो कि जिले में यक्ष्मा उन्मूलन को लेकर विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। डॉ दास ने कहा कि टीबी रोग के टीपीटी कार्यक्रम को अपनाकर ही क्षय रोग को समाप्त किया जा सकता है। क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए बेहतर कार्य करने की जरूरत है। यदि कोई व्यक्ति टीबी से ग्रसित है तो उसके परिवार को टीपीटी कार्यक्रम से जोड़ें।
वर्ल्ड विज़न इंडिया के डिस्ट्रिक्ट लीड कुमार दिनकर चतुर्वेदी ने बताया कि टीबी रोगी के साथ रहने वाले परिवार के 05 साल से ऊपर के सभी सदस्यों का एक्सरे करके टीबी रूल आउट किया जा रहा है। वर्ल्ड विज़न इंडिया के सहयोग से सभी टीबी मरीज़ के साथ मे रहने वाले पारवारिक सदस्यों का स्क्रीनिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, एक्सरे टेस्टिंग कराकर सभी मरीज़ के घरवालों को पब्लिक या प्राइवेट डॉक्टर से टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट लिखकर उन्हें आइसोनियाजिड की दवा दी जा रही है। अब जिले में थ्री एच दवा भी लोगों को दी जा रही है। यह दवा टीबी मरीजों के साथ रहने वाले लोगों को दी जाती है, ताकि उन पर संक्रमण का असर न हो। डब्ल्यूएचओ के कंसल्टेंट डॉ. कुमार गौरव ने टीबी के साथ साथ निक्षय पोर्टल की जानकारी सीएचओ को दी।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक रेहान अशरफ ने सभी सीएचओ को टीबी मरीज और उनके परिवार को सुरक्षित रखने के लिए मरीजो का दवाई और टेस्ट पर ध्यान देते हुए इसके महत्व को भी साझा किया। मौके पर सीडीओ डॉ सीके दास, डब्लू एच ओ के डॉ कुमार गौरव, डीपीएम रेहान अशरफ, वल्र्ड विजन के दिनकर चतुर्वेदी, निशांत, तन्मय सिंहा और अभिषेक कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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