महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास, अब इतिहास रचने से एक कदम दूर

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लोकसभा में लंबी चर्चा के बाद महिला आरक्षण बिल लोकसभा से पास हो गया है. लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को लेकर पर्चियों से वोटिंग की गई. महिला आरक्षण बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े जबकि महिला आरक्षण बिल के विरोध में 2 वोट पड़े. बता दें कि महिला आरक्षण बिल लोकसभा में दो तिहाई बहुमत के पास हुआ है.

बिल पर चर्चा करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए ये चुनाव जीतने का मुद्दा हो सकता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मान्यता का सवाल है. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल पास हो जाने के बाद एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि इस बिल के आने से देश की बेटियां न केवल नीतियों के अंदर अपना हिस्सा पाएंगी बल्कि नीति निर्धारण में भी अपने पद को सुरक्षित कर सकेंगी.

महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दुनियाभर में महिला पायलटों की संख्या 5 फीसदी के करीब है लेकिन भारत में यह 15 प्रतिशत है. मुझे ये कहते हुए गर्व हो रहा है कि पिछले 10 सालों में महिला पायलटों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि जब हम ये बिल लेकर आए तो कई महिला सांसदों ने कहा कि महिला आरक्षण देकर आधी आबादी को नीचा नहीं दिखाना चाहिए क्योंकि यहां की महिलाएं उतनी ही सशक्त हैं जितने यहां के पुरुष. उन्होंने कहा कि इस बिल के आने से देश की बेटियां न केवल नीतियों के अंदर अपना हिस्सा पाएंगी बल्कि नीति निर्धारण में भी अपने पद को सुरक्षित कर सकेंगी. उन्होंने कहा कि जो कोई भी इस देश में पैदा हुआ है वो कभी भी यहां की महिलाओं को कमजोर समझने की भूल नहीं करेगा.

चर्चा के दौरान राहुल गांधी के सवाल पर अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता कह रहे थे कि जो लोग देश चलाते हैं उनमें सिर्फ तीन ओबीसी है. ये उनकी समझ बताती है. उन्हें लगता है कि देश सेक्रेट्री चलाते हैं जबकि मेरी समझ से देश सरकार चलाती है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस नेता को आंकड़े चाहिए तो मैं उन्हें बता दूं कि बीजेपी सरकार में 29 फीसदी यानी 85 सांसद ओबीसी कैटेगरी के हैं. उन्होंने बताया कि बीजेपी के OBC एमएलए 1358 में से 365 यानी 27 फीसदी हैं. बीजेपी में ओबीस एमएलसी 163 में से 65 हैं, जो 40 फीसदी हैं.

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, मैं इस बिल के समर्थन में खड़ा हूं लेकिन ये बिल अभी भी अधूरा नजर आता है. इस बिल में ओबीसी के आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए जो बिल से नदारत नजर आता है. उन्होंने कहा, परिसीमन और जनगणना पूरी होने के प्रावधान के बजाय इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए. ये अच्छी बिल्डिंग है लेकिन इसके कार्यक्रम में देश की महिला राष्ट्रपति को भी होना चाहिए था. जब भी विपक्ष जातीय जनगणना की बात करता है, भटकाने वाले मुद्दे लाए जाते हैं.

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