बिहार के जमुई के झाझा थाना क्षेत्र के चितोचक गांव में बुधवार को एक चिकित्सक की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। कहा जा रहा है कि उसने नशे की हालत में फांसी लगा ली। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों ने उसे इलाज के लिए एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया। जहां हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया। इस दौरान सदर अस्पताल में डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक चिकित्सक की पहचान टाउन थाना क्षेत्र के भाटचक गांव निवासी चंद्रिका मंडल के बेटे कन्हैया कुमार शेट्ठी (41) के रूप में की गई है।
जानकारी के मुताबिक, चिकित्सक कन्हैया कुमार शेट्ठी झाझा प्रखंड मुख्यालय के शक्ति घाट स्थित अपना निजी क्लीनिक चलाता था। वह चीतोचक स्थित अपने मकान में रहता था। जहां उसने बुधवार को नशे की हालत में फांसी लगा ली। जानकारी के अनुसार, चिकित्सक कन्हैया नशे के लिए कई महीनों से विटामिन इंजेक्शन का सेवन करता था और हमेशा वह नशे में रहता था। वहीं, घटना की जानकारी देते हुए मृतक चिकित्सक की पत्नी डॉ. जया मित्रा ने बताया कि वह कई महीनों से नशा करता आ रहा था और वह नशे की हालत में ही रहता था। बताया जा रहा है कि मृतक चिकित्सा का एक 10 साल बेटा भी है, जिसका नाम अभय प्रताप है।
इधर, स्थानीय लोगों ने बताया कि शिक्षक कन्हैया और उसकी पत्नी जया मित्रा के बीच तीन महीने से घरेलू विवाद को लेकर झगड़ा चल रहा था। इस कारण चिकित्सक कन्हैया मानसिक दबाव में था। लोगों को आशंका है कि इसी दबाव में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। वहीं, मृतक के गले में निशान देख डॉक्टर ने फांसी से मौत होने की आशंका जताई।
सदर अस्पताल के डॉक्टर अभिषेक गौरव ने बताया कि मृतक के गले पर रस्सी का निशान देखने से लगता है कि उसने फांसी लगाई हो। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। जबकि झाझा थानाध्यक्ष राजेश शरण ने बताया कि चिकित्सक की फांसी लगाकर आत्महत्या करने की जानकारी उन्हें अब तक नहीं मिली है। अगर परिजनों द्वारा आवेदन दिया जाता है तो आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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