“सर्वजन दवा सेवन” कार्यक्रम को लेकर अंतर्विभागीय बैठक आयोजित

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  • जिलाधिकारी ने दिए कई जरूरी निर्देश
  • कुल 17 दिनों का होगा एमडीए अभियान
सीतामढ़ी। ” विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग दिवस ” के अवसर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता मे फाइलेरिया उन्मूलन हेतु 10 फरवरी से चलाए जाने वाले “सर्वजन दवा सेवन ” कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु समाहरणालय के परिचर्चा भवन मे अन्तरविभागीय बैठक आयोजित की गई जिसमे निर्णय लिए गए कि सभी विभागों (स्वास्थ्य,  शिक्षा, जीविका,आईसीडीएस, पंचायती राज) की समेकित सहभागिता से पहले 3 दिन मे (10 से 13 फरवरी तक ) सभी विद्यालयों मे फिर 2 सप्ताह मे घर घर जाकर आशा कार्यकर्ता अपने समक्ष योग्य लाभार्थियों ( 2 वर्ष से छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाओ तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को छोड़कर) को फाइलेरिया से बचाव की खुराक खिलायेंगी।
उक्त अवसर पर जिलापदाधिकारी ने सबके साथ ” विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग दिवस” का पोस्टर प्रदर्शन कर “10 फरवरी से दवा खाएं और फाइलेरिया से मुक्ति पायें ” का संदेश दिया।
जिलाधिकारी को एमडीए कार्यक्रम को लेकर जिले में चल रहे तैयारियों की जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा दिया गया जिसपर जिलाधिकारी ने कई जरूरी निर्देश दिए।
जिला पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी विद्यालयों मे शिक्षकों और छात्रों के बीच इस हेतु जागरूकता अभियान चलाकर हर घर मे संदेश भेजे जाए और कार्यक्रम के दौरान शिक्षक अपनी उपस्थिति मे मध्याह्न भोजन के बाद छात्रों को दवा की खुराक खिलाना सुनिश्चित करेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और जीविका दीदी और सभी मुखिया गण तथा वार्ड सदस्य एवं शहरी क्षेत्र के पार्षद अपने वार्ड और पंचायत को फाइलेरिया मुक्त करने का संकल्प लें।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ अखिलेश कुमार ने बताया कि इस हेतु सभी तैयारियाँ कर ली गई हैं। सभी 17 प्रखंडों मे तथा शहरी क्षेत्र मे दवा खिलाने हेतु व्यापक सूक्ष्म कार्ययोजना तैयार की गई है और 1662 टीम द्वारा 10 से 27 फरवरी के बीच पूरे जिला मे पहले 3 दिन विद्यालय के छात्रों को और फिर घर घर जाकर सभी योग्य लाभार्थियों को फाइलेरिया से बचाव की खुराक ( डीईसी और  अल्बेण्डाजोल) खिलाई जायेगी।
डीभीबीडीसीओ डॉ रविंद्र कुमार यादव ने बताया कि दवा की आपूर्ति भारत सरकार ( राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम) द्वारा कर दी गई है। दवा पूरी तरह सुरक्षित है फिर भी किसी किसी को, जो संक्रमित है, हल्का सा चक्कर आना, उल्टी या पेट दर्द हो सकते हैं जो दवाओं के कृमि पर असर होने के कारण होता है और थोड़ी देर आराम करने से स्वतः ठीक हो जाते हैं। फिर भी इससे निबटने हेतु सभी प्रखंडों मे रैपिड रेस्पांस टीम गठित है। केवल ध्यान रखें कि दवा भोजन के बाद ही खायें।
बैठक मे उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय संयोजक डॉ माधुरी देवराजु, पीरामल के टीम लीड प्रभाकर कुमार, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस, सीडीपीओ, डीपीएम जीविका, पंचायतीराज पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी आदि मौजूद थे।
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