बिहार : झाड़-फूंक के सहारे चल रहा सदर अस्पताल, इमरजेंसी में फिर नदारद रहे डॉक्टर; मरीज व उनके परिजन बेहाल

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बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के सदर अस्पताल की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार की रात इमरजेंसी वार्ड में एक अजीब नजारा देखने को मिला। जहां डॉक्टर की जगह झाड़-फूंक करने वाले मरीज का इलाज करते हुए देखे गए।

दरअसल, इमरजेंसी ड्यूटी में पदस्थापित डॉक्टर की ट्रेनिंग चल रही है। इसके कारण उनकी जगह अन्य कोई दूसरे डॉक्टर की ड्यूटी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा नहीं लगाई गई है। बीती रात बिहारशरीफ प्रखंड के हरगावां पंचायत के नेवाजीबीघा गांव से सर्पदंश के शिकार एक सुजीत कुमार को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर की जगह उसका इलाज झाड़-फूंक करने वाले उसी गांव के रहने वाले भगवान चौहान के द्वारा किया जा रहा था।
झाड़-फूंक करने वाले भगत भगवान चौहान ने बताया कि वह अपने घर में सोए हुए थे। तभी उन्हें सर्पदंश की बात कहकर घर से बुलाकर लाया गया। इसके बाद उन्होंने मरीज की झाड़-फूंक की। उसके बाद जब मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी तो सदर अस्पताल लेकर आए। जहां डॉक्टर के नहीं रहने के बाद फिर से उन्होंने झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया।

वहीं, अन्य दूसरे मरीज और उनके परिजन भी डॉक्टर के नहीं रहने के कारण बेहाल दिखे। वहीं, अस्पताल प्रबंधन इन सभी बातों से बेखबर रहा। न तो सिविल सर्जन ने और न ही अस्पताल के उपाधीक्षक ने फोन उठाने की जहमत उठाई।

सदर अस्पताल में बदइंतजामी का यह कोई नया मामला नहीं है। दो दिन पहले ही इमरजेंसी से डॉक्टर लापता थे। इसके बाद एसएनसीयू में पदस्थापित डॉक्टर ने इमरजेंसी की कमान संभाली थी।

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