- प्रा०स्वा०केन्द्र, घोडासहन, पताही, अरेराज एवं रामगढवा को छोडकर सभी प्रखंडो में चलेगा अभियान
- जिले में है कालाजार का 24 मरीज जिनमें पीकेडीएल का 05, भीएल का 19 मरीज
मोतिहारी : जिले के 23 प्रखंडो में कालाजार के उन्मूलन हेतु “हाउस टू हाउस” आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा अभियान चलाते हुए प्रचार गाड़ी के साथ माईकिग कर खोज किया जा रहा है। यह अभियान 30 नवंबर तक चलेगा, वहीं कालाजार उन्मूलन के कारण जिले के प्रा०स्वा०केन्द्र, घोडासहन, पताही, अरेराज एवं रामगढवा में घर- घर कालाजार उन्मूलन अभियान नहीं चलाया जा रहा है। जिले के डीभीडीसीओ डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया की आशा कार्यकर्ताओं के उपयोग हेतु कालाजार घर-घर खोज पंजी, रेफरल कार्ड एवं प्रचार प्रसार हेतु बैनर हस्तगत कराया गया है। रूट चार्ट के अनुसार कालाजार से प्रभावित ग्राम के आधार पर 700 रू० प्रतिदिन के दर से माईकिग कराने हेतु बजट भी उपलब्ध कराया गया है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को जागरूकता हेतु कालाजार से प्रभावित ग्रामों में माईकिग कराने, संबंधित फोटो, विडियो आदि शेयर करें। डीभीडीसीओ डॉ शर्मा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कालाजार उन्मूलन लक्ष्य के स्तर को बनाये रखने हेतु कालाजार/पीकेडीएल/भी एल के छुपे हुए रोगियों की घर-घर खोज कर ससमय जाँच एवं उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश प्राप्त हुआ है।
कालाजार होने पर मुख्यमंत्री श्रम क्षतिपूर्ति योजना अन्तर्गत 6600 रुपए और भारत सरकार द्वारा 500 रुपए दिए जाते है वहीं पीकेडीएल उपचार पूर्ण होने पर 4000 रु की सरकारी सहायता दी जाती है।
कालाजार रोगियों की खोज के साथ जागरूक कर रहीं है आशा मेहरून्नीसा:
आशा मेहरून्नीसा तुरकौलिया प्रखंड क्षेत्र में कालाजार मरीजों की खोज के साथ ही कालाजार से बचाव का संदेश दे रहीं है। मेहरून्नीसा ने लोगों को बताया की कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है, उन्होंने लक्षण देखते हुए लोगों को जाँच कराने की बातें बताइ, साथ ही बचाव हेतु जागरूक कर रहीं है।
भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार एवं कसलटेंट अभिषेक कुमार ने बताया की जिले में है कालाजार का 24 मरीज जिनमें पीकेडीएल का 05, भीएल का 19 मरीज है। तुरकौलिया प्रखंड क्षेत्र में आशा मेहरून्नीसा के द्वारा रोगी खोज के दौरान संदिग्ध लोगों से केस हिस्ट्री लिए जा रहें है। उन्होंने बताया की 15 दिनों से अधिक समय बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होंने बुखार के दौरान मलेरिया की दवा अथवा एन्टीबायोटिक दवा का सेवन किया हो एवं उसके बाद भी बुखार ठीक न हुआ हो, भूख की कमी एवं उदर का बड़ा होना जैसे लक्षण हो उन्ही व्यक्तियों की जाँच आर के -39 किट द्वारा किये जाने हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को रेफर किया जाना है। वैसे मरीज जो दो या तीन दिनों के बुखार पीड़ित हो उनका फालोअप 15 दिनो के बाद किया जाना है। उन्होंने बताया की सदर अस्पताल मोतिहारी के साथ जिले के चकिया, मधुबन, कल्याणपुर सदर अस्पताल मोतिहारी में इलाज की व्यवस्था उपलब्ध है, वहीं जिले के सभी पीएचसी में कालाजार की जांच की जाती है।
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