ब्रह्मकुमारी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव राजयोगी  बीके निर्वेर भाई  86 वर्ष की उम्र में शरीर छोड नए पार्ट के लिए बापदादा की गोद मे चले गये।

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  • निर्वर भाई का प्यारा गीत —अभी न जाओ छोड़ कर कि दिल अभी  भरा नहीं   

अशोक वर्मा

मोतिहारी :  माउट आबू राजस्थान मे संचालित ब्रह्माकुमारी संस्था के अंतरराष्ट्रीय महासचिव राजयोगी बीके निर्वेर भाई ने 86 वर्ष की उम्र में शरीर छोड़ अगले पार्ट के लिए वापदाता की गोद में चले गये। ब्रह्माकुमारी संस्था के आधार स्तंभों में एक निर्वर भाई भी थे। उनका जन्म 1938 में पंजाब में हुआ था तथा 9 वर्ष तक भारतीय नौ सेना के इलेक्ट्रॉनिक विभाग मे अपनी सेवा दी।1959  मे मुबई  सेवाकेंद्र  के संपर्क  मे आये और 6 माह बाद साकार ब्रह्मा बाबा से मिल कर उनसे दृष्टि  ली ।1960 मे सोमनाथ  मंदिर का उद्घाटन करने प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू आने वाले थे ,बाबा ने निर्वेर भाई  को वहां भेजा।वे नेहरू जी को गीता ग्रंथ  के साथ बाबा द्वारा दिये गये ड्राई फ्रूट्स भेंट कर ईश्वरीय  ज्ञान समझाया।नौकरी से एक सप्ताह  की छुट्टी लेकर निर्वेर  भाई  वहां गये थे ।उन्होने वहां दो चित्रों की सात दिवसीय प्रदर्शनी लगाई तथा पर्चा का वितरण किया।1963 मे उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र देकर मुंबई  सेवा केंद्र पर समर्पित हो गए । 1969 में अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू कार्यालय की जिम्मेदारी उन्हें मिली और स्थाई रूप से 1970 में वे माउंट आबू  आकर  सेवा का कमान संभाला। 1982 में यूएनओ में उन्होंने भारत का नेतृत्व किया था ।                                 वे ग्लोबल हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर थे साथ-साथ राजयोग रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष भी थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने विश्व के काफी देशो में राजयोग का परचम लहराया था । यज्ञ के विकास के लिए वे निरंतर प्रयासरत रहे ।कई अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय सम्मान उन्हे मिली।डॉक्टरेट की डिग्री भी कई यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें प्राप्त हुआ। यज्ञ की नौका को आगे बढ़ाने में निर्वेर भाई का बहुत बड़ा योगदान रहा है।उन्होने विघ्नों के दौरान भी हमेशा अचल अडोल रहकर यज्ञ के बच्चों को शक्ति प्रदान किया । बाबा ने अपने प्रथम पत्र में उन्हें नूरे रतन कहकर संबोधित किया था। 19 सितंबर  की रात्रि 11:30 पर उनकी मृत्यु हुई। वे लंबे समय से बीमार  चल रहे थे तथा अहमदाबाद के अपोलो हॉस्पिटल में इलाज रत थे ।वहां से उनका पार्थिव शरीर माउंट आबू के शांति वन में लाया गया जहां कांफ्रेस हाल मेअंतिम दर्शन के लिए ब्रह्मा कुमार कुमारी भाई बहने पंक्तिबद्ध होकर उन्हें दो दिनो तक श्रद्धांजलि अर्पित करेगे। संस्था की अंतरराष्ट्रीय हेड राजयोगिनी बीके रतन मोहिनी दादी ने भी उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर विदाई दी ।संस्था के सभी वरिष्ठ  भाई  बहन एवं अधिकारी गणो का शांतिवन  मे आने का सिलसिला लगातार जारी है।वरिष्ठ राजयोगी  बी के निर्वर भाई में योग की शक्ति कूट-कूट कर भरी थी ,उनकी वाणी में जादू था।उनके क्लास को सुनने के लिए देश-विदेश से भाई  बहन आते रहे है।उनकी  आवाज में योग का सम्मोहन था तथा जीवन बिल्कुल पारदर्शी था।  बाबा पर उनका पुरा निश्चय था।मीडिया कोऑर्डिनेटर बीके अशोक भाई ने कहा कि निर्वर भाई के उस आत्मिक और प्यार भरे गीत को लोग नहीं भूलते जब बाप दादा मिलन प्रोग्राम मे दादी गुलजार जी के तन में आकर के बाबा मुरली चलाते तो विदाई की  बेला को निर्वर भाई अपने प्यार भरे गीत से यादगार  बना देते थे। उनका गीत था –अभी न जाओ दिल तोड़ के कि दिल अभी भरा नहीं—। इस गाने को बाबा के समक्ष सुना करके वेअपना उद्गार व्यक्त करते थे, साथ- साथ बाप दादा के प्रति प्यार का इजहार करते थे ।इस दृश्य को डायमंड हॉल में 30,000 भाई  बहन अक्सर देखते थे। बीके अंजना ने कहा कि मधुबन  से मिली जानकारी अनुसार शनिवार  को चार धाम यात्रा कराकर अंतिम संस्कार 22 तारीख को होगा।                        ब्रह्माकुमारी में ऐसा देखा गया है कि जब भी कोई आदि रतन या मजबूत स्तंभ शरीर छोड़ते हैं उसके बाद संस्था का कार्य दिनों दिन और बढ़ने लगता है ।निश्चित रूप से निर्वय भाई फरिश्ता स्वरूप बनाकर अगले पार्ट के लिए चले गए । पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण के काफी भाई बहनों को निर्वय भाई से  मिलने का मौका मिला था तथा उनके योग युक्त वाणी  से लाभान्वित  हुये है।उनके निधन पर चंपारण से श्रद्धांजलि देने वालो मे मुख्य रूप से अरेराज  की वरिष्ठ राजयोगिनी बीके मीना दीदी ,बी के अबीता दीदी नरकटियागंज,बीके रंजना दीदी बेतिया, बीके शंभू भाई  फुलवार,बीके शोभा माता फुलवार, बीके शोभा जीवधारा, बीके आशा बेलीसराय,बीके पूनम दीदी श्रीकृष्ण नगर मोतिहारी,बीके सरस्वती माता, बीके मनोरमा दीदी केसरिया,बीके विनोद,बीके हरिशंकर भाई , बीके शंभू भाई, बीके अशोक भाई ,बीके जोखन भाई,बीके निशा बहन  बालगंगा , बीके रेखा बगहा,बीके रिंकू मोतीपुर,बीके निर्मला बैरगनिया,बीके मीरा घोडासहन,बीके ज्ञानू बहन रक्सौल ,मोतिहारी हेनरी बाजार  सेवाकेंद्र  की बीके वीभा बीके करूणा  आदि है।               बीके मीणा दीदी ने कहा कि निर्वेर भाई ने सभी भाई बहनो में  बाबा की शक्ति भर कर यज्ञ को आगे बढाया है।कहा कि मधुबन मे निर्वेय भाई की एक झलक के लिए लोग ललाईत रहते थे ।बीके अबीता ने कहा कि खास करके बाबा मिलन के समय जब भी भाई बहनों का ग्रुप जाता था तो निर्वेर भाई के क्लास के लिए सभी बेचैन रहते थे ।जब उनका क्लास होता था उस समय हाल में तिल रखने का भी जगह नहीं बचता था। चंपारण के सभी सेंटर्स के भाई-बहनों की ओर से महान विभूति राजयोगी  निर्वेर भाई को बहुत-बहुत  श्रद्धांजलि एवं ओम शांति

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