गया। सी यू एस बी दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में आपदा जोखिम को कम करने और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में युवाओं को शामिल करने पर प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण का पांच दिवसीय कार्यक्रम 29 अप्रैल को प्रारंभ हुआ जिसका आज सफलतापूर्वक समापन हो गया है।इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े हुए कार्यक्रम पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। इसमें भारत के विभिन्न भागों से लगभग 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान एनआईडीएम और सीएसयूवी के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वाधान में किया गया है। मगध विश्वविद्यालय की ओर से चार कार्यक्रम पदाधिकारी ने भाग लिया ने जिसमें गया कॉलेज गया से कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार मिश्रा और डॉक्टर प्रियंका कुमारी ने सहभागिता की जबकि एस एन सिन्हा कॉलेज टेकारी से एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर दीनदयाल गुप्ता तथा एस बी ए एन कॉलेज दरहेटा लारी से डॉ शिव कुमार रविदास ने सहभागिता की है। डॉ राजेश कुमार मिश्रा ने इस पांच दिवसी प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्राप्त अनुभव को साझा करते हुए बताया कि इसमें आपदाओं से निपटने के लिए आपदा से पूर्व, आपदा के दौरान एवं आपदा के पश्चात की जाने वाली तैयारी और बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है ।उसकी मॉक ड्रिल करवाई गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात कार्यक्रम पदाधिकारी अपने-अपने कॉलेज में एवं विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे जो अपने आस पड़ोस एवं नजदीकी क्षेत्र में जाकर लोगों को आपदा के बारे में जागरूक करेंगे। इससे प्रत्येक वर्ष आपदा से होने वाली जन धन की क्षति को बचाने में सहायता मिलेगी ।भारत सरकार का लक्ष्य 2030 तक प्राकृतिक आपदा एवं मानव जनित आपदा में निरंतर कमी लाना और इसे समाप्त करना है। इस कार्यक्रम के समापन सत्र की अध्यक्षता दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के द्वारा किया गया है जबकि संचालन कार्यक्रम समन्वयक डॉ. बुधेंद्र कुमार सिंह ने किया ।यह प्रशिक्षण शिविर काफी सफल रहा है। सभी कार्यक्रम पधाधिकारीयों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया गया है।
