रामनवमी के शुभ अवसर पर महावीर धाम, वजीरगंज में उमड़ा जन सैलाब 

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गया । जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर वजीरगंज स्टेशन के पास  महावीर धाम स्थापित किया गया है जो की उपकार बाबा की पुश्तैनी जमीन हुआ करता था जिसको उपकार बाबा ने महावीर धाम ट्रस्ट को दान देकर प्रण किया है, कि यहां भव्य महावीर मंदिर का निर्माण कराया जाएगा और लोगों के लिए इसे सार्वजनिक कर जन कल्याण के लिए भेंट कर दी जाएगी।
क्योंकि यह मंदिर में स्थापित भगवान महावीर काफी जागृत है और उपकार बाबा इन्ही के शिष्य हैं। उपकार बाबा से बात किया हमारे संवाददाता राकेश कुमार मिश्रा उपकार बाबा का मानना है की भगवान महावीर एवं माता रानी के आशीर्वाद से ही मैं लोगों का दुख दर्द या रोग व्याधि को दूर कर पाता हूं। मैं तो एक तुच्छ बालक हूं और भगवान महावीर का अनन्य  भक्त हूं, यह महावीर की कृपा ही  तो है कि   महाबीर धाम में लोग रोते हुए आते हैं और हंसते हुए जाते हैं। बाबा आगे बताते है कि मैं ग्राम कढऔना थाना वजीरगंज जिला गया का निवासी हूं मेरे पिताजी का नाम स्वर्गीय महेश सिंह एवं माता संजू देवी है, मेरे पिताजी का देहांत मेरे 10 वर्ष की आयु में हो गया था तब मेरी मां संजू देवी ने बड़ा कष्ट से मेरा लालन-पालन किया। चुकी मेरा लालन पालन बड़ा है कष्ट से हुआ इसीलिए मुझे हर गरीबों एवं मजबूरो में उपकार नजर आता है।
  मैं अपना बचपन याद करता हूं और उसमें सहायक होते हैं, मेरे आराध्य महावीर जिनके आशीर्वाद से ही मैं कुछ कर पाता हूं लोगों के लिए,
बाबा आगे बताते हैं की जिस किसी मजबूर या गरीब लड़की की शादी विवाह धन के अभाव में प्रभावित होता है तो वैसे गरीब कन्याओं का मैं मुफ्त में शादी करवाउंगा, और जो भी दान दहेज की सामग्री होगी वह महावीर धाम के माध्यम से उसको सम्पन्न किया जाएगा। उनके इस चमत्कार से गांव एवं आस पास के लोग काफी प्रभावित हैं। और इसकी पुष्टि करता है वहां भक्तों का उमड़ा जन सैलाब
 उसे भीड़ में एक सज्जन थे- मैंने उनसे बात किया उन्होंने अपना नाम बताया डॉक्टर एस एन सिंह जो कि महावीर हाई स्कूल गया से रिटायर्ड शिक्षक हैं। उन्होंने बताया की उपकार बाबा को कम उम्र के समझाने की भूल न करें। क्योंकि रामचरित्र मानस में वर्णित है–रावनु रथी बिरथ रघुवीरा।
देखि विभीषण भयउ अधीरा।।
नाथ न रथ नही तन पद त्राना।
केहि बिधि जितब बीर बलवाना।।जिसका अर्थ है–
रावण को रथ पर और श्री रघुवीर को बिना रथ के देखकर विभीषण अधीर हो गए, हे नाथ आपका न तो रथ है, और न तो तन की रक्षा करने  वाला कवच है। और न तो पैरों में  जूता हीं है। वह बलवान वीर रावण किस प्रकार जीता जाएगा?
स्थानीय मुखिया अभय सिंह -घुरियावां कढाओना ने बताया कम उम्र में  हीं ख्याती हमारे उपकार बाबा का बढ़ रहा है लोगों को संदेश जा रहा है कि हनुमान मंदिर का विजन इनका बचपन से ही यह कृत संकल्पित है उनके चमत्कार और सेवा भाव से लोग अभी भूत हैं। यह जो संकल्प लेते हैं उसे कर कर दिखाते हैं।
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