ब्रह्मलीन योगीराज श्री देवराहा बाबा  आश्रम मे 53 वां सतगुरु महायज्ञ एवं संगीतमय श्री राम कथा के तीसरे दिन शिव  विवाह हुआ।

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अशोक वर्मा
 मोतिहारी : भाव से लो या कुभाव से लो किसी भी प्रकार से भगवान का नाम लो भगवान का नाम कल्याण प्रदान करता है राह चलते रहो ,काम करते रहो, राम का नाम तुम लेते रहो, मन से जितना अधिक भगवान का नाम लोगे तो वह आचरण में उतर जाएगा वह किसी भी तरह से कल्याण तो करता ही रहेगा ! उक्त प्रवचन ब्रह्मलीन योगीराजश्री देवराहा बाबा गुरुकुल आश्रम में चल रहे 53 वा सद्गुरु महायज्ञ एवं संगीतमय श्री राम कथा के तीसरे दिवस अयोध्या धाम से पधारे संत शुभम जी महाराज ने कही। उन्होंने सती चरित्र की कथा को सुनाते हुए बताया कि पांच प्रकार के महापाप है पति-पत्नी के बीच झगड़ा लगवाने वाले को ब्रह्म हत्या का पाप लगता है ब्राह्मण की हत्या और सोना चोरी करने वाले को भी ब्रह्म हत्या का पाप लगता है, शराब पीना महा पाप है ।आज के श्री राम नाम संकीर्तन के यजमान श्री संजय राय बेतिया और श्री राम कथा के यजमान डॉक्टर मीनू मिश्रा एव अभिनव आयुष ने व्यास पूजन कर संत श्री का माल्यार्पण कर अभिनंदन और स्वागत किया आश्रम अध्यक्ष विनय कुमार शर्मा सचिव डॉक्टर जय गोविंद प्रसाद और यजमान डा मीनू मिश्रा, यज्ञसंयोजक राम भजन विक्की कुमार वीरेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर तीसरी दिवस के श्री राम कथा का शुभारंभ किया ।शिव विवाह के प्रसंग पर भजनों के माध्यम पर पंडाल में उपस्थित सभी भक्त देर समय तक झूमते रहे और हर हर महादेव का जय घोष लगता रहा!शिव विवाह प्रसंग सुन हर्षित हुए भक्त संत शुभम जी महाराज ने कहा कि ऐसा दूल्हा आपने नहीं देखा होगा जहां भोले बाबा को जटाओं से मुकुट बनाया सांपों का मोर बनाकर बाबा को पहना दिया सांपों के कंगन कुंडल बनाकर  बाबा का श्रृंगार किया ।बाबा को नंदी पर बैठाकर बारात सजी और गनों के द्वारा जय जयकार लगाया गया ।सभी भूत प्रेत बाबा के बाराती बने और मृगी ने अपना बिगुल बजाया ऐसे ऐसे भूत बारात में आए जिसका वर्णन नहीं हो सकता।  दूल्हा को देखकर माता पार्वती खुश हो गई  फिर मंडप में पूजन हुआ और शिव पार्वती का विवाह संपन्न हुआ।
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