पटना के बेउर जेल में बंद कैदी और सृजन घोटाला के आरोपी अरुण कुमार की मौत हो गई है।शनिवार की देर रात इलाज के दौरान पटना के पीएमसीएच में अरुण कुमार ने दम तोड़ दिया। हालांकि अरुण कुमार के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पटना के बेउर जेल के अधिकारियों की लापरवाही के कारण अरुण कुमार की मौत हुई है।
परिजनों का यह मानना है कि पिछले 2 दिनों से अरुण कुमार की तबीयत जेल के अंदर खराब थी। बार-बार वे अपने इलाज के लिए कह रहे थे, लेकिन जेल प्रशासन की तरफ से उन्हें इलाज के लिए पटना के पीएमसीएच नहीं भेजा गया। शनिवार को अचानक तबीयत खराब होने के बाद उनकी मौत जेल में ही हो गई थी। इसके बाद उन्हें पटना के पीएमसीएच भेजा गया। वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर जेल प्रशासन से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन काफी प्रयास के बाद भी जेल प्रशासन के कोई भी अधिकारी फोन रिसीव नहीं किया।
अरुण कुमार भागलपुर में जिला कल्याण पदाधिकारी के पद पर आसीन थे। उसी वक्त सृजन घोटाला प्रकाश में आने के बाद सीबीआई ने उन्हें वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि 2 महीने भागलपुर जेल में रहने के बाद उनका स्थानांतरण पटना के बेउर जेल में वर्ष 2018 में कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि सृजन घोटाला मामले में सीबीआई के द्वारा उन पर दो मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी उन पर चल रहा था। जून महीने में ही एक मामले में उनकी सुनवाई पटना के न्यायालय में होनी थी। अरुण कुमार के परिजनों ने बताया कि शनिवार की सुबह से ही उनकी तबीयत खराब थी। परिवार के लोग जब उनसे 2 दिन पहले मिलने गए थे तब उन्होंने बताया था कि उनकी तबीयत अच्छी नहीं है। बार बार जेल के पदाधिकारियों से बात करने के बावजूद भी उनका इलाज सही से नहीं हो रहा है।
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