मशरक(सारण) मशरक थाना क्षेत्र के महाराणा प्रताप चौंक के पास प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ सीताराम पांडेय के आवास पर डॉ कुमार राकेश ने बताया कि कड़ाके की ढंड में सेहत का रखे खास ख्याल रखना बहुत आवश्यक है। सर्दियां आते ही खांसी बुखार और वायरल के साथ संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ठंड के मौसम में सर्द हवाओं के चलने, धूप कम निकलने और पाला पड़ने से सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा अधिक हो जाता है। डॉ. कुमार राकेश ने बताया कि सर्दी के मौसम में ठंड के कारण नसें सिकुड़कर सख्त बन जाती हैं। हालाँकि, इन्हें सक्रिय यानी एक्टिव करने के लिए ब्लड फ्लो बढ़ता है। ब्लड फ्लो बढ़ने पर ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। इसके कारण दिल पर दबाव पड़ता है जिससे हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम को सर्दी के मौसम में हृदय को सामान्य की तुलना में अधिक मेहनत करनी पड़ती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हृदय रोग से संबंधित बीमारी होने पर सांस लेने में तकलीफ होना, सीने में जलन और दर्द होना, सीने में दबाव महसूस करना, पैर, टखने और तलवों में सूजन होना हाथ, कमर, गर्दन और जबड़े में दर्द होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। हृदय रोग से बचाव के उपाय में डॉ.कुमार राकेश ने बताया कि हृदय रोग से बचाव के लिए ज्यादा मात्रा में पानी न पीएं क्योंकि अनेक कामों के साथ-साथ दिल का एक काम शरीर में मौजूद रक्त यानी खून के साथ लिक्विड को पम्प करना भी है। अगर आप अधिक मात्रा में पानी पीते हैं तो आपके दिल को पम्प करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। नमक का सेवन कम करें क्योंकि अधिक नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है तथा नमक आपके शरीर में पानी को रोकता है और अगर शरीर में पानी रूक जाएगा तो दिल को अधिक मात्रा में लिक्विड को पम्प करना पड़ेगा। ठंड के अनुरूप अपनी डाइट, लाइफस्टाइल को भी अपडेट रखें व खुद को तनाव से बचाकर रखने की कोशिश करें। बच्चों और घर के बुजुर्गो को ठंड से बचाकर रखने की सलाह उन्होंने दी।
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