बिहार आर्थिक, शैक्षणिक और बेरोज़गारी की गुलामी से मुक्त होने को आतुर है :  प्रशांत किशोर

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  • मिथिलांचल की पवित्र भूमि प्रेरणा के श्रोत , देश को बदलने में रही है बड़ी भूमिका 
  • दरभंगा जिले में जारी है पीके की पदयात्रा
अशोक वर्मा
मोतिहारी । पूर्वी चंपारण जिला जनसुराज कार्यालय मे प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये जिला प्रवक्ता रवीश मिश्रा ने प्रदेश प्रवक्ता संजय ठाकुर द्वारा जारी प्रेस रीलीज को पढते हुये कहा कि  जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मिथिला यात्रा के दौरान आज  कहा है कि बिहार आर्थिक, शैक्षणिक और बेरोज़गारी की गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ है। इससे निजात पाने के लिए सभी बिहारियों को एक जुट होना जरूरी है।  उन्होंने पदयात्रा के दौरान पत्रकारों से बातचीत में देश मे दिखावे की राजनीत करने वाले नेताओं का पोल खोलकर रख दिया ।प्रशांत किशोर ने कहा कि मिथिला की पवित्र भूमि सदियों से देश और मानवता को मार्गदर्शित करती रही है। मण्डन मिश्र और उनकी धर्मपत्नी भारती ने जहां आदि शंकराचार्य से शास्त्रार्थ किया वहीं देश – दुनिया को कोकिल विद्यापति, अयाचि और शंकर जैसे विद्वानों ने दुनिया को धर्म, संस्कृति,न्याय, काव्य – गीत की विधा से अभिभूत किया।  इसी भूमि का लाल रघुनंदन झा सम्राट अकबर के नवरत्नों में शामिल थे तो देश को आजादी दिलाने में मिथिला की इस भूमि का अप्रतिम योगदान भूलाया नहीं जा सकता। संजय ठाकुर ने बताया है कि प्रशांत किशोर का स्पष्ट मानना है कि कभी दुनिया को शिक्षा, राजनीति, लोकतंत्र और समाजवाद का पाठ पढ़ाने वाला राज्य बिहार को फिर से एक सशक्त आन्दोलन की जरूरत है। इसके लिए समाज के सभी वर्गों और धर्मों के लोगों को संगठित होकर सशक्त संघर्ष करने की आवश्यकता है।
प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार को राजद-जदयू – कांग्रेस और भाजपा ने अपने अपने ढंग से बिहार को देशभर से सबसे पीछे धकेल दिया है।‌ शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है जिससे देश का सबसे अशिक्षित, गरीब, बेरोज़गारी और पलायन वाला राज्य बना दिया गया है। जन सुराज बिहार को इस संकट से निकालने का संकल्प ले लिया है और बिहारियों को जगाने तथा संगठित करने के लिए ही पिछले पन्द्रह महीनों से गांवों की पदयात्रा की जा रही है।‌ श्री ठाकुर ने मिथिलांचल के नागरिकों से अपील की है कि जिस तरह से हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकने में महती भूमिका निभाई थी ठीक उसी तरह आज़ बिहार के नव निर्माण तथा अपना व अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए बिहार से जातिवादी और धर्मवादी राजनीतिक दलों को खदेड़ भगाइए और दूसरे गांधी प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज को मजबूत राजनीतिक विकल्प के रूप में मजबूत बनायें।
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