नाइट ब्लड सर्वे में रक्त की जाँच में लोगों को जागरूक करेंगे मुखिया व जनप्रतिनिधि 

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  • प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सर्वें में सहयोग करने को भेज रहे पत्र 
  • फाइलेरिया के लक्षण व उससे बचाव के बारे में लोगों को करेंगे जागरूक 
मोतिहारी : जिले के 23 प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे होगा। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए नाइट ब्लड सर्वें होने वाले क्षेत्रों के स्थानीय मुखिया व जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क करते हुए फाइलेरिया के परजीवी की खोज हेतु आम लोगों के रक्त की जाँच कराने में सहयोग करने को प्रखंडों के पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा पत्र भेजा जा रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मुखिया, सरपंच व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ सम्पर्क स्थापित किया जा रहा है। ताकि नाइट ब्लड सर्वे का सफल संचालन हो सकें। इस सम्बन्ध में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि मुखिया, सरपंच व अन्य जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के एनबीएस साइटों के इलाकों में लोगों को फाइलेरिया के परजीवी की जांच, फाइलेरिया की बीमारी के लक्षण व उससे बचाव के बारे में जागरूक करेंगे।
डॉ शर्मा ने बताया कि छौडादानो, मधुआहा ब्रिट(तेतरिया) के मुखिया मनोज राय, चकिया ब्लॉक के कुंवरपुर गाँव के मुखिया शशिभूषण, पकड़ीदयाल, तिनकोनी, मधुबन सहित कई पंचायतों के मुखिया, जनप्रतिनिधियों को सहयोग हेतु पत्र दिया जा रहा है। जिसमें कई जनप्रतिनिधियों ने नाइट ब्लड सर्वे एवं एमडीए कार्यक्रम में सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
जागरूकता फैलाकर ही फाइलेरिया के प्रसार दर पर रोक संभव: 
भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार व सत्यनारायण उरांव ने बताया कि चयनित प्रत्येक स्थायी और अस्थायी एनबीएस साइटों पर
रात 8:30 से 12 बजे तक 3 सौ लोगों के रक्त नमूने लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जागरूकता फैलाकर ही फाइलेरिया के प्रसार दर पर रोक संभव है। दरअसल फाइलेरिया हाथीपाँव से ग्रस्त होने पर व्यक्ति का जीवन अपंग की तरह हो जाता है। फाइलेरिया का इलाज सम्भव नहीं है। इससे बचने के लिए समय पर जाँच कराकर इसके परजीवी की पहचान करना जरूरी होता है। उन्होंने बताया की जागरूकता के कार्यों में पिरामल के बीसी, आईसी, भीभीडीएस व आशा सहयोग कर रहें है।
सीएस ने की रक्त जाँच करवाने की अपील : 
सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर द्वारा प्रसारित होने वाला गंभीर रोग है। इस रोग के लक्षण समान्यतः 5 वर्ष या कभी-कभी इससे भी अधिक समय के पश्चात् परिलक्षित होते हैं। इस रोग का नियंत्रण जाँच एवं उपचार द्वारा संभव हो सकता है। इसलिए जिले के प्रखंडों में 26 से 29 दिसम्बर 2023 तक फाइलेरिया जाँच हेतु निःशुल्क जाँच शिविर लगाया जायेगा। जिसमें आप सभी से आग्रह है कि स्थानीय स्तर पर जाँच शिविर में जाकर रक्त की जाँच करवाएं।
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