विशेष धावा दल ने तीन बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया

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अशोक वर्मा
 मोतिहारी  :  श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश  के नेतृत्व मे मोतिहारी सदर एवं पकड़ीदयाल प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विशेष धावा दल के द्वारा विभिन्न प्रतिष्ठानों में सघन जाँच अभियान चलाया गया।
 जाँच के क्रम में मोतिहारी सदर एवं पकड़ीदयाल प्रखंड के कुल -02 प्रतिष्ठानों क्रमश: ग्रीन बास्केट सुपर मार्केट मोतिहारी से 02 बाल श्रमिक एवं महालक्ष्मी ऑटो सर्विस सेंटर चोरमा, पकड़ीदयाल से 01 बाल श्रमिक अर्थात कुल-03 बाल श्रमिकों को धावा दल की टीम के द्वारा विमुक्त कराया गया। साथ ही श्रम अधीक्षक द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि यह अभियान पूर्वी चंपारण जिला अंतर्गत लगातार क्रियाशील रहेगा!
बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत सभी नियोजकों के विरूद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है जबकि सभी विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति, पूर्वी चंपारण, मोतिहारी के समक्ष उपस्थापित कर उन्हें बाल गृह में रखा गया है। श्रम अधीक्षक द्वारा  बताया कि बच्चों से प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन के अंतर्गत गैर कानूनी है। बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अतर्गत बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार रूपये से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक का कारावास का प्रावधान है।
 इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निदेश के आलोक में सभी नियोजकों से 20,000/- (बीस हजार रू.) प्रति बाल श्रमिक की दर से राशि की वसूली की जाएगी।
आज की इस विशेष धावा दल की टीम में  श्रम परिवर्तन पदाधिकारी, कल्याणपुर प्रभारी प्रभारी पकडीदयाल सरफराज अहमद खान, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, मोतिहारी सदर ज्योति सिंह, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, केसरिया सुरेंद्र कुमार, श्रम परिवर्तन पदाधिकारी, फेनहरा विकास कुमार मिश्रा श्रम परिवर्तन पदाधिकारी, घोड़ासहन रोहित कुमार सिंह, श्रम परिवर्तन पदाधिकारी, अरेराज सोनिया वर्मा तथा पुलिस लाइन से 06 पुलिस  कर्मी एवं एंटी ह्यूमन टै्रफिकिंग यूनिट की टीम  शामिल थी। साथ ही श्रम अधीक्षक, पूर्वी चंपारण द्वारा बिहार दुकान प्रतिष्ठान अधिनियम 1953 एवं न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के अंतर्गत कई दुकानों की सघन जांच की गई जांच के क्रम में पाया गया कि ऐसे कई प्रतिष्ठान है पाए गए जिनके द्वारा बिहार दुकान प्रतिष्ठान अधिनियम 1953 के अंतर्गत अनुज्ञप्ति नहीं लिया गया है और नहीं उनके द्वारा न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 का अनुपालन नहीं किया जा रहा है! अनुपालन नहीं करने वाले कई प्रतिष्ठानों को श्रम अधीक्षक द्वारा नोटिस भी निर्गत की गई! साथ ही कई प्रतिष्ठानों को निर्देशित किया गया कि बिहार दुकान प्रतिष्ठान अधिनियम 1953 के अंतर्गत अनुज्ञप्ति धारण कर ले अन्यथा बाध्य होकर श्रम अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई अपेक्षित होगी!
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