पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता मे होने वाले बोर्ड ऑफ  गवर्नरस  की बैठक में  प्रसाद रत्नेश्वर भाग लेंगे

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  • ओडिशा के भुवनेश्वर में अप संस्कृति के बढ़ते प्रभाव को रोकने का उपाय बताएंगे प्रसाद रत्नेश्वर। 
अशोक वर्मा
मोतिहारी : आधुनिक चम्पारण रंगमंच के ध्वजवाहक ख्यात रंगकर्मी-साहित्यकार प्रसाद रत्नेश्वर बिहार सहित देश के नौ राज्यों के सांस्कृतिक विकास हेतु देंगे सलाह।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 20 नवम्बर को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता के शासक दल (बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ) की बैठक में उन्हें आमंत्रित किया गया है। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आंनद बोस करेंगे जबकि ओडिशा के नवनियुक्त राज्यपाल रघुबरदास मुख्य अतिथि होंगे।
 इस अवसर पर बिहार,असोम,झारखंड,मणिपुर,ओडिशा,सिक्किम,त्रिपुरा,पश्चिम बंगाल एवं संघ शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह राज्य सरकारों के सचिव स्तर के पदाधिकारियों के अलावे इन राज्यों के चुने हुए कला-विशेषज्ञों की उपस्थिति होगी।
       उल्लेखनीय है कि मोतिहारी निवासी प्रसाद रत्नेश्वर चालीस वर्षों से रंगमंच पर सक्रिय हैं। वे बिहार के पहले ऐसे कलाविद हैं जिन्हें संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स  का सदस्य बनाया है। 25 वर्षों तक लगातार चंपारण महोत्सव करके प्रसाद रत्नेश्वर ने एक कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रसाद रत्नेश्वर ने जिले में अब संस्कृति के खिलाफ आंदोलन भी खड़ा किया था तथा वैसे आंदोलन का समर्थन भी किया था जो लोग अप संस्कृति के खिलाफ लड़े थे।
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