शिक्षा विभाग में मचा घमासान, मंत्री ने केके पाठक को भेजा पीत पत्र, जदयू मंत्री ‘श्रवण’ ने खुलकर किया शिक्षा मंत्री का विरोध कहा कड़क अधिकारी है केके पाठक

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Live News 24×7 के लिए कैलाश गुप्ता की रिपोर्ट।

बिहार। शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव केके पाठक और शिक्षा मंत्री डा. चंद्रशेखर के बीच मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं। शिक्षा मंत्री ने अपने पीएस के जरिए पीत पत्र जारी कर केके पाठक सहित विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए हैं।

वही जदयू कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने केके पाठक और शिक्षा मंत्री के बीच उपजे विवाद को लेकर कहा कि बिहार का हर बंदा जानता है कि केके पाठक कितने कड़क अधिकारी हैं. वह सारी कार्रवाई वह नियमों के अनुसार करते हैं। अब शिक्षा मंत्री और उनके बीच क्या मामला है, इसके बारे में मैं नहीं जानता हूं।

गौरतलब है कि बिहार का शिक्षा विभाग पिछले कुछ महीनों से लगातार चर्चा में बना हुआ है। जब से शिक्षा विभाग की जिम्मेवारी केके पाठक को दी गई है तब से यह विभाग और भी चर्चा में आ गया है। कभी विभाग के कर्मचारियों को भेष -भूषा सुधारने का आदेश दिया जाता है। तो कभी राज्य के शिक्षकों को समय पर विद्यालय आने का आदेश दिया जाता है।

इस बीच अब जो जानकारी आ रहे हैं उसके मुताबिक विभाग के अपर मुख्य सचिव की कार्यशैली पर विभागीय मंत्री नाराज हो गए हैं। लिहाजा उन्होंने इसको लेकर अपर मुख्य सचिव को पित पत्र भेजा है।

विदित है कि बिहार सरकार ने जून के महीने में कई अधिकारीयों के विभाग बदले थे। जिसके बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेवारी केके पाठक को दी गई। पाठक ने कुर्सी संभालते ही राज्य में शिक्षा में बदलाव को लेकर कई आदेश जारी किए।

इन्होंने सबसे पहले यह कहा कि किसी को बिना बताए राज्य के सरकारी स्कूल के टीचर गायब नहीं होंगे और यदि गायब हुए तो उनका वेतन काट लिया जाएगा। साथ ही हर टीचर को दो बार अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने को कहा गया। इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मी को यह कहा गया कि कोई भी जींस टीशर्ट में ऑफिस नहीं जाएंगे।

इसके अलावा प्रत्येक शनिवार को कार्यालय खुला रखने संबंधी पत्र जारी किया था। जिससे शिक्षा अधिकारी को देर शाम तक कार्य करना पड़ रहा है।

अब इन्हीं मामलों को लेकर शिक्षा मंत्री के तरफ से इनको पित पत्र भेजा गया है।

इधर, बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के बाद डीएम और जिला शिक्षा अधिकारी एक्शन मोड में आ गए हैं। राज्य के सभी विद्यालयों में विभिन्न स्तर अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण जारी है।

वही राज्य मुख्यालय पटना जिले में तीन दिन हुए स्कूलों के औचक निरीक्षण के दौरान 77 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए। इनका वेतन अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है।

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