खबर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड का है जहां सकरा ब्लॉक के चौसीमा गांव स्थित राजकीय मध्य विद्यालय चौसीमा में बच्चों से बर्तन सफाई कराने का मामला प्रकाश में आया है। इस स्कूल का एक विडियों सामने आया है जिसमें बच्चे बर्तन धोते हुए दिख रहे है। बता दे कि इस विद्यालय में रसोइया की संख्या 6 होने के बावजूद भी छात्र-छात्राएं यहां खुद वर्त्तन धोते है। वही छात्र छात्राओं ने बतया की हमलोग सभी दिन खाना खाने के बाद अपनी थाली खुद धोते है। अगर नहीं धोते है तो प्रधानाध्यापक लग्नु पासवान और रसोइया हमे डाटते है।
वही इस मामले में मिडिया कर्मी ने जब रसोइया से पूछा तो रसोइया कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। वही प्रधानाध्यापक भी उस वक्त विद्यालय से गायब थे।
वही इस मामले में हेडमास्टर लग्नु पासवान का कहना है की बर्तन साफ करने के लिए स्कूल में कोई कर्मचारी तैनात नहीं है। सभी स्कूलों में बच्चे ही ये काम करते हैं।
आपको बता दे कि क्राइम खबर के संवाददाता ने मिड-डे मील के वितरण के दौरान स्कूल का जायजा लिया। इस दौरान अधिकांश बच्चे खाना खा चुके थे। मिड-डे मिल खाने के बाद बच्चे अपने अपने बर्तन स्कूल परिसर में ही धोने में जुटे हुए थे बच्चों ने बताया कि हर रोज इसी तरह ही वे बर्तन धोते हैं। इसके अलावा सुबह क्लास रूम की सफाई भी करते हैं। स्कूल में मौजूद अध्यापिका और अध्यापक ने बताया कि गांव में कोई सफाई कर्मचारी तैनात नहीं है। स्कूलों में बच्चे ही सफाई करते हैं, यह सभी जानते हैं।
वही अब देखने वाली बात यह होगी की शिक्षा के मंदिर में छात्रों को शिक्षा न देकर उन्हें सफाई कर्मी बनाने की ट्रेनिंग दी जाती एैसे स्कूल अध्यापकों के खिलाफ शिक्षा विभाग क्या कार्यवाही करती है।
