राजेश मिश्रा की रिपोर्ट।
लनामिवि दरभंगा:- आज दिनांक 5 मार्च 2024 को विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग में विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव की अध्यक्षता में बाबू जगजीवन राम की 117 वीं जयंती मनाई गई।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव ने कहा कि भारत की राजनीतिक राष्ट्र आमजन के प्रणेता भारत के 11 करोड़ जनता के बेदाग राजनेता बाबू जगजीवन राम रहे। न्याय तीन प्रकार के होते हैं- उपयोगिता वादी न्याय, समझौतावादी न्याय और समता मूलक न्याय। बाबूजी सामाजिक न्याय व समतामूलक समाज के प्रणेता थे। वे मानव के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करते थे बल्कि सामाजिक न्याय व समतामूलक समाज के लिये उन्होंने आजीवन काम करते रहे। बाबूजी फाइटर, लीडर, प्लीडर, कम्युनिटी के पिलर थे।
मुख्य वक्ता प्रो. आर. के. वर्मा ने कहा कि अस्पृश्यता का उन्मूलन करने वाले बाबू जगजीवन राम थे। बाबू जगजीवन राम में एक विजन दिखता था। वे सिर्फ एक मानव नहीं बल्कि राजनीति में सदैव महामानव के रूप में पूजे जाएंगे। आज उनके सामाजिक न्याय व समतामूलक समाज का ही देन है कि भारत सामाजिक न्याय की दिशा में अग्रसर हो, समानता के लक्ष्य के साथ विश्वगुरु की दिशा में अग्रसर है।
मिथिला विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रभाष चंद्र मिश्रा ने कहा कि बाबू जगजीवन राम राष्ट्र की स्वतंत्रता और निर्माण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. घनश्याम राय ने कहा कि जगजीवन राम भारतीय राजनीति का एक ऐसा छवि जिन्हें सब प्यार से बाबूजी कहते थे, एक बहादुर स्वतंत्रता सेनानी तथा सामाजिक न्याय के प्रबल समर्थक थे।
कार्यक्रम के संगठन सचिव प्रो. मुकुल बिहारी वर्मा ने कहा कि समावेशी राजनीति, समता मूलक समाज बनाने की कोशिश करने वाले अग्रणी भूमिका में बाबू जगजीवन राम थे।
विभाग के शिक्षक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि बाबू जगजीवन राम ऐसे एकमात्र राजनेता थे जिन्हें 50 साल के लंबे संसदीय जीवन के रूप में निरंतर सेवा करने का अद्वितीय सम्मान प्राप्त है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव ने किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सामाजिक विज्ञान के संकाय अध्यक्ष प्रो. पी. सी. मिश्रा एवं मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में प्रोफेसर आर. के. वर्मा बीज वक्ता डॉ. मुकुल बिहारी वर्मा स्वागत भाषण डॉ. घनश्याम राय, संयोजक ने किया। मौके पर सहायक प्राध्यापक रघुवीर कुमार रंजन एवं नीतु कुमारी, शोधार्थी- रिक्की, देवेन्द्र, प्रभु, अनिमेष सुमंत , रुपेश एवं छात्र- छात्राएँ उपस्थित थे। बाबू जगजीवन राम की जयंती पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें अक्षय ने अव्वल स्थान पाया। मंच संचालन अस्मि ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मनोज कुमार ने किया।
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