राज्य के 8 जिलों में चलाया जायेगा ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे

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  • करीब 57 प्रखंडों में संचालित किया जायेगा सर्वे 
  • 6 एवं 7 वर्ष तक के बच्चों का विशेष फ़ाइलेरिया टेस्ट स्ट्रिप के द्वारा ( एफटीएस ) दिन में किया जायेगा टेस्ट 
पटना- राज्य में जल्दी ही ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे कराया जायेगा. सर्वे राज्य के 8 जिलों पटना, जहानाबाद, नालंदा, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा एवं मधुबनी में संचालित किया जायेगा. उक्त जिलों के करीब 57 प्रखंडों एवं शहरी क्षेत्र में ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे कराया जायेगा. इसी संदर्भ में गुरुवार को राज्य फ़ाइलेरिया कार्यालय एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के तत्वावधान में उक्त जिलों के जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी एवं फ़ाइलेरिया विभाग के कर्मियों का वर्चुअल माध्यम से उन्मुखीकरण किया गया. उन्मुखीकरण कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ. राजेश पांडेय ने मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका निभाई. कार्यशाला में उक्त जिलों के पदाधिकारियों के साथ अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी फ़ाइलेरिया, डॉ. परमेश्वर प्रसाद, राज्य फाइलेरिया कार्यालय से डॉ. अनुज सिंह रावत एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
6 एवं 7 वर्ष के बच्चों का विशेष फ़ाइलेरिया टेस्ट स्ट्रिप के द्वारा ( एफटीएस ) दिन में किया जायेगा टेस्ट:  
कार्यशाला में उपस्थित अधिकारीयों की संबोधित करते हुए डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे के दौरान उक्त जिलों के चयनित स्कूलों में कैंप लगाकर 7 वर्ष के बच्चों का विशेष फ़ाइलेरिया टेस्ट स्ट्रिप के द्वारा जांच किया जायेगा. उन्होंने बताया कि यह कार्य दिन में किया जायेगा. एक इवैल्यूएशन यूनिट के तहत अधिकतम पांच लाख की आबादी में 30 स्कूलों का चयन करके वैज्ञानिक तरीके से चयनित स्कूलों कक्षा के एक एवं दो वर्ष के बच्चों ( कक्षा एक एवं दो ) में विशेष फ़ाइलेरिया टेस्ट स्ट्रिप के द्वारा टेस्ट कर फ़ाइलेरिया के ट्रांसमिशन के पता लगाया जायेगा एवं इसमें सफल होने के उपरांत वहां एमडीए अभियान बंद कर दिया जायेगा.
ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे की सफलता के लिए करें एकजुट प्रयास:
अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी फ़ाइलेरिया, डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे की सफलता के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि सभी चयनित जिलों के जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी अपनी टीम के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताये गए मानकों के अनुसार सर्वे कराकर प्रखंड एवं जिला को फ़ाइलेरिया मुक्त बनाने का प्रयास करें.
माइक्रो फ़ाइलेरिया दर 1 से कम आने पर फ़ाइलेरिया मुक्त घोषित किया जायेगा जिला:
डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि किसी भी जिले को फ़ाइलेरिया मुक्त घोषित करने के लिए वहां ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे कराया जाता है. अभी राज्य के सभी जिले फ़ाइलेरिया से ग्रसित हैं एवं प्री टास में उक्त जिलों के 57 प्रखंडों में माइक्रो फ़ाइलेरिया दर 1 से कम पाया गया है. अब जिलों में ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे कराकर माइक्रो फ़ाइलेरिया दर की जांच की जाएगी. इसमें सफल होने पर ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे 2 कराया जायेगा एवं इसमें सफल होने के बाद ट्रांसमिशन अस्सेस्मेंट सर्वे 3 कराया जायेगा. इसमें सफल होने के उपरांत उक्त प्रखंड को फ़ाइलेरिया मुक्त घोषित किया जायेगा.
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