एनजीओ दिवस पर गर्भसमापन नियमों पर मिली जानकारी

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एमटीपी एक्ट पर मिली जानकारी 
वैशाली। विश्व गैर सरकारी संगठन दिवस के अवसर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, लालगंज में सुरक्षित गर्भ समापन एवम परिवार नियोजन सेवाओं के लिय एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन एवम बिहार ग्राम विकाश परिषद द्वारा समर्थित सांझा प्रयास नेटवर्क के सहयोगी संस्था औलिया अध्यात्मिक अनुसंधान केन्द्र के द्वारा आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान विशेष श्रेणी के महिलाओं के गर्भ समापन की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ाए गए कानून के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया। प्रशिक्षण में प्रशिक्षक राम कृष्णा के द्वारा बताया गया की 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार का गर्भ समापन अवैध माना जाता था। गर्भ समापन के लिया बड़ी कठिनाई होती थी। अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने की प्रक्रिया के कारण महिलाओं की मृत्यु हो जाती थी। उसे रोकने के लिया भारत सरकार के द्वारा 1971 में एमटीपी एक्ट बनाया गया। इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई। कई कारणों से सरकारी अस्पतालों में सुविधा नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं के मृत्यु दर में अपेक्षाकृत कमी नही हो रही थी। लेकिन जब भारत सरकार के द्वारा यह कानून बनाया गया उसके बाद कई शर्तो के साथ गर्भ समापन वैध माना गया है। परंतु लिंग जांच आधारित और असुरक्षित गर्भ समापन आज भी कानूनन अवैध हैं। प्रशिक्षण में बताया गया की भारत सरकार के द्वारा एमटीपी एक्ट 1971 में 2021 में एक संशोधन किया गया है जिसके अनुसार अब 20 सप्ताह के बाद भी विशेष श्रेणी की गर्भवती महिलाओं का 24 सप्ताह तक गर्भ समापन किया जा सकता है। प्रशिक्षक के द्वारा बताया गया की पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामले में, पति पत्नी के तलक के मामले में, या अन्य किसी भी गंभीर मामले में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भ निरोधक तरीके की विफलता की स्तिथि में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन की सुविधा दिया जा सकता है। प्रशिक्षक राम कृष्णा ने बताया की 20 सप्ताह तक एमटीपी के लिए एक आर एम पी और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आर एम पी की राय होनी चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा की किसी भी विवाहित या अविवाहित गर्भवती महिलाओं के गर्भ समापन की प्रक्रियाओं की गोपनीयता का पालन कराई से करना यह उस संबंधित सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र की जिम्मेदारी है जहां महिला का गर्भ समापन किया जा रहा है। आज के कार्यक्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लालगंज के प्रखंड सोशल मोबिलाइजर कनक स्वेता, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक के अलावा कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
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