- टीबी के 5 ,139 मरीजों का हो रहा है मुफ्त इलाज,साथ ही मिलता है निक्षय पोषण योजना का लाभ
- जनप्रतिनिधियों के माध्यम से फैलाए टीबी पर जागरूकता
मोतिहारी : जिला यक्ष्मा केंद्र मोतिहारी में टीबी मुक्त अभियान चलाए जाने को लेकर बैठक आयोजित की गईं। जिसमें जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार ने स्वास्थ्यकर्मियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर टीबी पर जागरूकता फैलाएं। उन्होंने बताया कि 2025 तक टीबी के खात्मे के लिए जनसमुदाय को जागरूक करना बेहद जरूरी है। वहीं मौके पर उपस्थित चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार ने बताया कि इलाज कराने आए रोगियों से सकरात्मक बर्ताव करना जरूरी है। साथ ही उन्हें संतुलित आहार सेवन से सम्बंधित सुझाव दें। ताकि दवाओं के सेवन के साथ संतुलित आहार का सेवन कर वे जल्द स्वस्थ हों। यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संजीव ने बताया कि आमतौर पर देखा जाता है कि लोग 2 हफ्ते से ज्यादा बलगम वाली खाँसी, बुखार से पीड़ित होते हुए भी टीबी की जाँच नहीं कराते हैं। जब उनकी मुश्किलें बढ़नी शुरू हो जाती तब वे अस्पताल का रुख करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लक्षणों को नजरअंदाज न करते हुए तुरंत सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच कराएं। ताकि सही समय पर पहचान होने पर दवाओं के सेवन से यह खत्म हो सके।
5139 मरीजों का हो रहा है मुफ्त इलाज:
यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संजीव ने बताया कि जिले के सरकारी अस्पतालों में 5,139 टीबी मरीजों का मुफ्त इलाज हो रहा है। साथ ही उन्हें निक्षय पोषण योजना के लाभ के तौर पर हर महीने 500 रुपए भी दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि टीबी की बीमारी अब लाइलाज नहीं है। जिले के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में टीबी के मरीजों की जाँच एवम इलाज उपलब्ध है।
पूरी दवा का सेवन करना है जरूरी:
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार एवं टीबी मुक्त भारत अभियान के जिला कोऑर्डिनेटर ललित कुमार ने बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा बुखार के साथ ही भूख में कमी और वजन कम होना आदि लक्षण दिखे तो तुरंत टीबी की जांच कराएं। उन्होंने कहा कि टीबी रोग हवा के माध्यम से फैलता है। जब टीबी रोग से ग्रसित व्यक्ति घर या बाहर खांसता, छींकता या बोलता है तो उसके साथ संक्रमण बाहर निकलता है। जो हवा के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। ऐसे में घर के लोग संक्रमित न हों इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए। मुँह पर मास्क जरूर लगाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कुछ लोग भूलवश ये गलतियां कर बैठते हैं कि आराम होने पर पूरा कोर्स किए बिना ही दवा बीच में छोड़ देते हैं। ऐसे दवा छोड़ने से बीच में ही टीबी लौट सकता है । वहीँ मरीज को एमडीआर टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है।मौके पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संजीव, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार, डब्ल्यूएचओ के राज्य प्रतिनिधि डॉ कुमार गौरव, प्रमोद कुमार, अमरेंद्र कुमार, सुमित कुमार पांडे आदि उपस्थित थे।
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