- टीबी चैंपियन बन राज्य स्तर पर हो चुके है सम्मानित
- जिला यक्ष्मा केंद्र से छः माह के इलाज से हुए पूरी तरह स्वस्थ
मोतिहारी : मोतिहारी शहर के मिसकॉट, रमना के निवासी 34 वर्षीय महताब आलम उर्फ़ सोनू ऑटो रिक्शा चालक है जो अब “प्लमनरी टीबी” से स्वस्थ होकर अपने घर का गुजारा बेहतर ढंग से करते हुए समय निकालकर दूसरों के इलाज में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। महताब आलम ने बताया कि कई वर्षो पहले ज़ब उसके अब्बा का इंतकाल हुआ तो घर की जिम्मेदारी उसके कंधे पर आ गई, वह दिल्ली जाकर रोजी- रोटी के प्रबंध में लग गया, कई वर्षो तक काम करने के बाद उसे अचानक खांसी, कमर दर्द हुआ परन्तु उसने ध्यान न दिया। जब रोग ज्यादा बढ़ा – खांसी, सर्दी, बुखार के बाद ज़ब दम फूलने लगा तो वह घर चला आया। अब उसने प्राइवेट डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाओं का सेवन किया। अल्ट्रासॉउन्ड व अन्य जाँच कराया परन्तु बीमारी पकड़ से बाहर थी। ज़ब एक्स रे कराया तब उसे टीबी की जानकारी हुई। वहीं जाँच वाले के सलाह पर उसने जिला यक्षमा केंद्र के अनिल कुमार से सम्पर्क किया तब उन्होंने उसको कफ जाँच कराने को कहा। अब रिपोर्ट बिलकुल स्पष्ट था वह तो वह “प्लमनरी टीबी का मरीज था।
लगातार छः माह दवा का किया सेवन-
बीमारी पकड़ में आने तक महताब काफ़ी कमजोर हो चुका था, परन्तु उसने हिम्मत नहीं हारी, टीबी की दवा चलने के दौरान उसे बेचैनी हुई, परन्तु डेढ़ माह दवा सेवन के बाद उसे काफ़ी राहत महसूस हुई। महताब टीबी अस्पताल के डॉक्टर व कर्मियों के सम्पर्क में रहते हुए समयानुसार दवा खाई और पूरी तरह स्वस्थ हो गया।
अब करते है लोगों के जाँच व इलाज में मदद करते है-
महताब आलम ने बताया कि ज़ब बीमार हुआ तो लगा की बचना मुश्किल है। अल्लाह की दुआ से ज़ब स्वस्थ हुआ तो ठान लिया की आसपास जो भी टीबी के लक्षण वाले मरीज होंगे उन्हें हौसला देते हुए इलाज करवाऊंगा। उसने बताया कि पड़ोसी नौशाद, के अलावा अगरवा, बलुआ के 15- 16 लोगों का जाँच इलाज करवाया जिनमें कई लोग स्वस्थ है। महताब ने बताया की बिहार – झारखण्ड के इंचार्ज कमल ओझा का फोन आने पर अन्य टीबी चैम्पियनों के साथ 19 दिसम्बर 2023 को पटना गया जहाँ एक निजी होटल में मुझे सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। अब वह ऑटो से कुरियर कम्पनी के लिए कार्य करते है एवं लोगों को टीबी के लक्षण व उससे बचाव का तरीका बताते है की घरों में साफ-सफाई रखें। बीमार व्यक्ति मुंह पर रुमाल लगाकर चले, बीच में दवा न छोड़ें। इलाज के दौरान खूब पौष्टिक खाना खाएं। एक्सरसाइज करें, योग करें।
70