- सुबह -शाम व रात्रि में लगाती है चौपाल
- बच्चों को भूखे पेट न सोने का देती है नसीहत
मोतिहारी : जिले के अरेराज प्रखंड में निरंतर एईएस/जेई के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। वहीं आशा फैसिलिटेटर पिंकी कुमारी के द्वारा प्रखंड के बिन्दवलिया समेत कई गली, कसबों में घूमकर 300 से ज्यादा लोगों को जगह-जगह एकत्रित कर शाम व रात्रि में चौपाल लगाकर चमकी बुखार से बचाव के बारे में महिलाओं, बुजुर्गो, बच्चों को लीफलेट देते हुए उन्हें ध्यान से चमकी के लक्षण की पहचान एवं बचाव के तरीके बताए जा रहें है, ताकि गांव, इस उमस भरे मौसम में चमकी के मामलों से सुरक्षित रहें।
आशा फैसिलिटेटर पिंकी बच्चों को चमकी को धमकी देने के लिए प्रमुखता से तीन महत्वपूर्ण बातें बता रही है जिनमे बच्चों को कड़ी धूप में न निकलने, रात में बच्चों को भूखे पेट न सोने, कुछ मीठा खिलाए, ताजे भोजन, मौसमी फल खिलाए, ओआरएस के घोल का सेवन फायदेमंद है, पिंकी ने ज्ञानती देवी, सीमा, ललिता तथा सुमन देवी को समझाते हुए कहा की चमकी में भूलकर भी न करें देरी तेज बुखार, जकड़न, चक्कर, बेहोशी, मुंह से झाग जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाए।
चमकी बुखार की स्थिति में अस्पताल और एंबुलेंस का तत्काल सहयोग ले, झाड-फूंक से बचें।
बच्चों को पानी खुब पिलाए, घरों के आसपास साफ सफाई जरूर करें।
चौपाल से लोगों में दिख रही है जागरूकता:
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ शीतल नरुला ने बताया कि आशा फैसिलिटेटर पिंकी कुमारी चमकी पर जागरूकता फैलाने के साथ- साथ नियमित टीकाकरण के लिए क्षेत्र में आशा के साथ बैठक कर जागरूकता फैला रही हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किए जा रहें कार्य सराहनीय है।चौपाल से लोगों में जागरूकता हो रही है, जानकारी प्राप्त कर लोग अपने बच्चों को इस बीमारी से सुरक्षित रख सकेंगे। उन्होंने बताया की एएनएम भी इनका सहयोग कर रहीं हैं। डब्ल्यूएचओ के नरोत्तम कुमार के अनुसार माॅनीटरिंग के क्रम में लोगों में जागरूकता दिख रही है, बिन्दवलिया में फैसिलिटेटर पिंकी कुमारी के द्वारा गेहूं कटाई के कारण संध्याकाल में या प्रात:काल में हीं चौपाल लगाया जा रहा है। वार्ड नम्बर चार बिन्दवलिया की आशा सुनिता कुमारी के साथ चौपाल में ग्रामीण निर्मला देवी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
चमकी से बचाव के उपाय:
आशा फैसिलिटेटर पिंकी कुमारी ने ग्रामीणों को बताया कि एईएस से बचाव के लिये अभिभावक अपने बच्चे की धूप से बचाएं। रात को किसी भी हालत में भूखे नहीं सोने दें, दिन में एक बार ओआरएस घोल कर जरूर पिलाएं, बच्चे को कच्चा लीची नहीं खाने दें, बच्चा अगर घर में भी है तो घर की खिड़की व दरवाजा बंद नहीं करें, हवादार रहने दें।
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