देशभर में चैत्र नवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. 9 दिन तक 9 देवियों की उपासना की जाती है. लोग श्रद्धा से 9 दिन तक माता के लिए व्रत भी रखते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर में जो हुआ है उसे आस्था से ज्यादा अंधविश्वास ही कहा जा सकता है. दरअसल, यहां एक महिला ने अपनी जीभ काटकर माता के चरणों में चढ़ा दी. हैरत की बात ये थी कि परिवार वाले उस महिला को अस्पताल पहुंचाने के बजाय वहां बैठकर कीर्तन करते रहे.
बाद में जब महिला की हालत ज्यादा गंभीर हो गई तो उसे अस्पताल ले जाया गया. यहां डॉक्टरों ने बड़ी मुश्किल से महिला की जान बचाई. मामला जबलपुर के ग्वारीघाट थाना क्षेत्र के संजय नगर का है. कुसुम चौधरी नाम की महिला को सपने में देवी मां ने दर्शन दिए. जिसके बाद उसने ब्लेड से अपनी जीभ को काट कर पत्ते में रखा. फिर उसे घर के ही मंदिर में चढ़ा दिया.
परिवार जनों ने जब इलाज के लिए कहा तो महिला ने इलाज करवाने से साफ इनकार कर दिया है. देखते ही देखते महिला के घर में भारी भीड़ एकत्रित हो गई और उसके घर पर लोग भजन कीर्तन करने में लग गए. परिवार वाले भी भजन कीर्तन करने लगे.
महिला के बेटे राजा चौधरी ने बताया कि उसकी 55 वर्षीय मां कुसुम चौधरी ने देवी मां की भक्ति में गुरुवार को घर में बने मंदिर में ब्लेड से अपनी जीभ काटकर पान के पत्ते में रखी. फिर उसे माता को चढ़ा दिया. परिवार वालों की जब उस पर नजर पड़ी तो उन्होंने कुसुम को अस्पताल ले जाने की कोशिश की. लेकिन देवी मां की भक्ति भाव में डूबी कुसुम चौधरी ने अस्पताल जाने से साफ इंकार कर दिया. कुसुम ने कहा कि मां शारदा ही उसे ठीक करेंगी. इसके बाद परिजनों ने भी कोई जहमत नहीं उठाई. उन्होंने भी महिला की बात मान ली और भक्ति में लीन होकर वे लोग वहीं पर पूजा पाठ करने लगे.
इस बीच गांव के और लोग भी उनके घर पहुंचे. सभी भजन कीर्तन करने लगे. उन्हें भी लगा कि सच में कुसुम के सपने में माता आई होंगी. लेकिन बाद में महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने उसकी जान किसी तरह बचा ली. लेकिन अभी पूरी तरह ठीक होने में उसे वक्त लगेगा.
कुसुम की मानें तो बुधवार की रात को सपने में उसे शारदा माता ने दर्शन दिए. उन्होंने उसे आशीर्वाद दिया. जिसके बाद कुसुम ने मां के लिए अपनी जीभ काटी. फिर उसे पान के पत्ते में रखकर अपने पूजा घर में रख दिया. जहां माता की तस्वीर रखी थी. कुसुम का कहना है कि उसने ये सब सिर्फ भक्ति में किया है. और उसे इसका कोई दुख नहीं है. माता उसे ठीक कर देंगी.
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