बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सीएम सुशील मोदी कैंसर की बीमारी से लड़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर बुधवार को उन्होंने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा- पिछले 6 महीने से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है। लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा। PM को सब कुछ बता दिया है। देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित।
सुशील मोदी गले के कैंसर से पीड़ित हैं। 3 महीने पहले गले में दर्द की शिकायत पर जांच कराई तो कैंसर का पता चला। अभी वे दिल्ली एम्स में चेकअप करा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो आज शाम तक सुशील मोदी पटना पहुंच सकते हैं।
सुशील मोदी पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह जानकर मुझे बहुत पीड़ा हुई है। मैं उनके स्वस्थ होने की कामना करते हूं। रविशंकर प्रसाद ने कहा की चुनाव प्रचार में उनकी कमी खलेगी।
नीतीश कुमार और सुशील मोदी बिहार में 70 के दशक के जेपी आंदोलन की उपज हैं। आरएसएस से जुड़े रहे सुशील कुमार मोदी की छात्र राजनीति की शुरुआत 1971 में हुई। 1990 में सुशील कुमार मोदी ने पटना केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे।
साल 2004 में वे भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते। साल 2005 में उन्होंने संसद सदस्यता से इस्तीफा दिया और विधान परिषद के लिए निर्वाचित होकर उपमुख्यमंत्री बने। यहीं से नीतीश कुमार के साथ उनका साथ शुरू हुआ।
सुशील मोदी 2005 से 2013 और 2017 से 2020 तक बिहार के वित्त मंत्री रह चुके हैं। वो नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं। 2005 के बिहार चुनाव में एनडीए सत्ता में आई और मोदी को बिहार भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया।
बाद में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद संभाला। उन्हें कई अन्य विभागों के साथ-साथ वित्त विभाग भी दिया गया।
2010 के बिहार चुनाव में एनडीए की जीत के बाद वह बिहार के उपमुख्यमंत्री बने रहे। मोदी ने भाजपा के लिए प्रचार करने में सक्षम होने के लिए 2005 और 2010 का बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा।
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