बुखार से पीड़ित बच्चों की पीएचसी स्तर से भी करें निगरानी : जिलाधिकारी

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  • चमकी से प्रभावित बच्चों का लगातार फॉलोअप करने को कहा
  • प्रचंड गर्मी को लेकर जिलाधिकारी ने किया फ्रंट लाइन वर्कर और स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट
मुजफ्फरपुर। जिले में एईएस पर वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने बुधवार को एक बैठक बुलाई। बैठक में जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने गर्मी में आई तेजी के कारण फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गर्मी के कारण बच्चों में अधिक बीमार होने की संभावना होती है, जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाए। एईएस वार्ड में सिर्फ एईएस संभावित को ही रखा जाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बुखार से प्रभावित सभी बच्चों की कम से कम 10 दिनों तक निगरानी की जाए, ताकि कोई चमकी से प्रभावित न हो पाए। आशा लगातार भ्रमण कर बच्चों की स्थिति से अवगत कराती रहेेगी। वहीं तीन वर्षों में चमकी से ठीक हो चुके बच्चों का लगातार फॉलोअप के साथ क्वेश्चनियर पत्र भी कराया जाए। जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि एईएस से ग्रसित परिवारों का समाजिक आर्थिक उत्थान करने के लिए उन्हें सरकारी लाभों का शत प्रतिशत सुविधा मुहैया कराये।
पहली बार औराई और बंदरा में मिले केस:
जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि इस बार औराई और बंदरा सहित लगभग प्रत्येक प्रखंड से चमकी के केस की पुष्टि हुई है। यह हमें और सतर्क करता है। जिला और प्रखंड स्तरीय जिन जिन पदाधिकारियों को गांव गोद दिए गए हैं, वह उनमें लगातार जागरूकता अभियान चालू रखेंगें। चमकी के वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए डीभीबीडीसीओ डॉ सतीश कुमार ने कहा कि वर्तमान में चमकी के कुल 21 मामले प्रतिवेदित हुए हैं। प्रभावित पंचायतों में वरीय पदाधिकारी द्वारा भी लगातार भ्रमण कर जागरूकता का वातावरण तैयार किया जा रहा है। बैठक में डीडीसी आशुतोष द्विवेदी, सीएस डॉ यूसी शर्मा, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार, डीपीएम रेहान अशरफ, आईसीडीएस डीपीओ चांदनी सिंह, डीडीसीए , डीपीआरओ सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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