सुपौल : सरकारी दर पर मजदूरी भुगतान की मांग करना मजदूरों को महंगा पड़ गया है। और अब मजदूर काम की तलाश में दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। यह मामला जिले के पिपरा थाना क्षेत्र स्थित पिपरा बाजार के टीपीडीएस गोदाम से संबंधित है। जहां काम से हटाए गए करीब ग्यारह मजदूरों का आरोप है कि वे लोग करीब 20 वर्षों से गोदाम में कार्य करते आ रहे हैं। जहां वे इस सरकारी टीपीडीएस गोदाम में अनाज के लोडिंग और अनलोडिंग का काम करते आ रहे हैं। मजदूरों ने आरोप लगाया है कि इस बीच जब सरकार द्वारा इन मजदूरों के मजदूरी का रेट तय किया गया। तो मजदूरों द्वारा ठेकेदार से सरकारी दर पर मजदूरी भुगतान करने की डिमांड रखी गई। इसके बाद संबंधित ठेकेदार द्वारा इन तमाम मजदूर को काम पर से चार पांच महीने पहले हटा दिया गया। जिससे इन मजदूरों के सामने बेरोजगारी की समस्या पैदा हो गई है। मजदूरों का आरोप है कि करीब चार-पांच महीने से वह लोग काम के लिए दर-दर भटक रहे हैं। आरोप है कि उन्हें गोदाम में काम करने नहीं दिया जा रहा है और बाहर के मजदूरों को लाकर गोदाम
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