नवजात शिशुओं की देखभाल के प्रति माताओं को किया जागरूक

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  • नर्सिंग छात्राओं ने पोस्टर के माध्यम से फैलाई जागरूकता 
  • राजापाकर और भगवानपुर में राष्ट्रीय नवजात सप्ताह पर हुई काउंसलिंग 
वैशाली। जिले के राजापाकर एवं भगवानपुर में नर्सिंग छात्राओं की ओर से नवजात शिशु सप्ताह मनाया गया। जिसकी थीम सुरक्षा, गुणवत्ता और पोषण देखभाल, हर नवजात शिशु का जन्म अधिकार रही। राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह के दौरान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता,  समय से पहले जन्म विषय पर चर्चा और गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल पर जन जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। वहीं अस्पताल परिसर में माताओं को शिशुओं के देखभाल के लिए जरुरी बातें भी बतायी गयी।
पीरामल के पब्लिक हेल्थ आफिसर पीयूष चंद्र ने बताया कि बिहार में नवजातों की मृत्यु दर में कमी लाना बहुत जरूरी है। एक अनुमान के मुताबिक बिहार में प्रति वर्ष 31 लाख शिशुओं का जन्म होता है। इनमें से लगभग 84 हजार शिशु अपना पहला जन्मदिन भी नहीं मना पाते। अधिकांश शिशुओं की मृत्यु 28 दिन या इससे भी पहले सप्ताह में ही हो जाती है। इसलिए यदि शिशु मृत्यु दर को कम करना है तो नवजात मृत्यु दर को कम करना बहुत जरूरी है।
छह महीने तक कराएं स्तनपान:
पीयूष ने बताया कि नवजात को छह महीने तक सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए। वहीं कमजोर नवजात की बेहतरी के लिए कंगारू मदर केयर भी बहुत जरूरी है। मां और बच्चे की लगातार स्वास्थ्य जांच के लिए आशा से संपर्क करना चाहिए।
नवजात के इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज:
 -छाती अंदर की तरफ धसना
-हाथ पैर ढीले यानी लुंज पुंज हो
-शरीर ठंडा
-बुखार
-दूध पीना बंद करें
ऐसे लक्षणों में तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से मिलना चाहिए।
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