- अपनी जिम्मेवारी को पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं समिति के लोग
- भू माफियाओं और असामाजिक तत्वों से बचाने के लिए मजबूरी में भाड़े में लगाना पड़ा सूरज हॉल
- 64 साल पुरानी है सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज हॉल समिति
- नियम को तक में रखकर 5 वर्ष पूर्व कर दिया गया रामगढ़ कैंट दशहरा समिति का गठन
- सूरज हॉल और उसकी जमीन पर टेढ़ी नजर रखने वाले कुछ लोगो ने मिलकर सूरज हॉल पर कब्जा करने की नीयत से 5 साल पूर्व बना डाला रामगढ़ कैंट दशहरा समिति
- रामलीला के नाम पर सूरज हॉल और जमीन पर में कब्जा करना चाहते हैं कुछ लोग
- समिति में शामिल अन्य लोगों को बहला फुसलाकर अपने स्वार्थ के लिए कर कर रहे हैं गुमराह
- सूरज हॉल की रक्षा करने के लिए हर लड़ाई लड़ने को तैयार है सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज और समिति
- पिछले करीब 40 वर्षों से सूरज हॉल में नहीं हो रहा रामलीला का आयोजन अब तक क्यों चुप थे यह लोग ?, अब क्यों लग रही है मिर्ची
रांची : सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज हॉल समिति रामगढ़ की बैठक अध्यक्ष रोशन चौधरी की अध्यक्षता में सोमवार को संपन्न हुई। बैठक में रामगढ़ कैंट दशहरा समिति के अध्यक्ष और कुछ सदस्यों के द्वारा सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज हॉल समिति के लोगों पर लगाए गए आपत्तिजनक और बेबुनियाद आरोपो की कड़े शब्दों में निंदा की गई।
करीब 40 वर्षों से नहीं हो रहा है रामलीला का आयोजन
सूरज हॉल में पिछले करीब 40 वर्षों से रामलीला का आयोजन नहीं हो रहा है सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज और समिति भी चाहती है की रामलीला का आयोजन हो लेकिन वह मजबूर है
दशहरा के शुभ अवसर पर हर बार समिति रामलीला का आयोजन करना चाहती हैं लेकिन सूरज हॉल के सामने छावनी परिषद की जमीन पर लगने वाले डेली मार्केट बाजार और वाहन पड़ाव के कारण रामलीला का आयोजन संभव नहीं हो पाता है। यही कारण है कि सूरज हॉल में पिछले करीब 40 वर्षों से रामलीला का आयोजन नहीं किया जा रहा है सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जब पिछले 40 वर्षों से सूरज हॉल में रामलीला का आयोजन नहीं हो रहा था तब यह लोग कहां थे जो अब रामलीला करने के लिए सर पैर क्यों मार रहे हैं? आखिर ऐसी क्या बात हो गई कि अब उन्हें रामलीला की याद अचानक इतनी सताने लगी है
रामलीला के नाम पर सूरज हॉल में कब्जा करना चाहते हैं कुछ लोग
बैठक में यह संभावना व्यक्त की गई की रामलीला के नाम पर रामगढ़ कैंट दशहरा समिति में शामिल कुछ लोग सूरज हॉल और उसकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं।
समिति के लोगों ने कहा कि रामगढ़ कैंट दशहरा समिति का गठन हुए मात्र 5 वर्ष भी नहीं हुए हैं ।जबकि सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज और समिति 64 वर्ष पुरानी समिति है। सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज हॉल समिति के नाम पर ही सूरज हॉल का निर्माण भी कराया गया। अब अचानक कुछ बरसों पूर्व एक नई समिति का गठन कर सूरज हॉल के लिए मारामारी शुरू कर दिया गया, इससे तो साफ यह लगता है कि इस समिति का गठन ही केवल सूरज हॉल और उसकी जमीन को टारगेट करके किया गया था।
सूरज हॉल की रक्षा करने के लिए हर लड़ाई लड़ने को तैयार है सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज हॉल समिति
सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज और समिति के सभी सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि सूरज हॉल की रक्षा करने के लिए वह लोग हर लड़ाई लड़ने को तैयार है ,5 वर्ष पूर्व बनी समिति रामगढ़ जिला में आए नए अधिकारियों पदाधिकारी को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। जिसे वह लोग कभी भी सफल नहीं होने देंगे।
जिला के नए अधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है रामगढ़ कैंट दशहरा समिति
सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज और समिति के सदस्यों ने कहा कि रामगढ़ जिला में आए नए पदाधिकारियो को 5 वर्ष पूर्व बनी रामगढ़ कैंट दशहरा समिति के कुछ लोग गलत जानकारी देकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं । नए अधिकारियों को सूरज हॉल के संबंध में गलत जानकारियां दे रहे हैं। 5 वर्ष पूर्व बनी रामगढ़ कैंट दशहरा समिति के कई लोग पूर्व में सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज हॉल समिति के पदाधिकारी रह चुके हैं उस वक्त उन लोगों ने रामलीला नहीं होने और भाड़ा का सवाल क्यों नहीं उठाया था।
अगर छावनी परिषद साथ दे तो समिति करेगी रामलीला का आयोजन
समिति के सदस्यों ने कहा कि सूरज हॉल में रामलीला का आयोजन नहीं होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि सूरज हॉल के सामने छावनी परिषद की जमीन पर बाजार लगने लगा है सब्जी दुकान लगती है साइकिल स्टैंड ट्रैक्टर स्टैंड बना दिया गया है जिसके कारण वहां लोगों को बैठने की सुविधा नहीं रह गई है यही कारण है कि सूरज हॉल में रामलीला का आयोजन नहीं हो पा रहा है अगर छावनी परिषद के अधिकारी सूरज हॉल के सामने लोगों की बैठने की जगह उपलब्ध करवाने के लिए समिति का सहयोग करें तो समिति रामलीला का आयोजन करवाने के लिए तैयार है और उसकी तिथि भी निर्धारित कर दी गई है ।छावनी परिषद के अधिकारी अगर वहां जगह उपलब्ध करवाती है तो समिति तीन दिवसीय रामलीला का आयोजन जरूर करेगी।
भू माफियाओं और असामाजिक तत्वों से बचाने के लिए मजबूरी में भाड़े में लगाना पड़ा सूरज हॉल
सूरज हॉल पर कुछ भू माफिया की बुरी नजर लग गई कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा सूरज हॉल की खिड़की को तोड़कर रात के अंधेरे में वहां जुआ खेला जाने लगा था। शराब और शराब का भी गंदा खेल भी रात के अंधेरे में होने लगा था । जिसके कारण समिति के सदस्यों और पदाधिकारी के ऊपर लोग उंगली उठाने लगे थे। मजबूर होकर सूरज हॉल और उसकी जमीन की देखरेख ,रखवाली करने के उद्देश्य से समिति के द्वारा सूरज हॉल को भाड़े पर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा ।
अपनी जिम्मेवारी को पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं समिति के लोग
सूरज हॉल किसी की निजी संपत्ति नहीं है यह पूरे रामगढ़ के लोगों की संपत्ति है रामगढ़ के लोगों के द्वारा सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज और समिति के पदाधिकारी और सदस्यों को चुना गया है और सार्वजनिक दशहरा एवं सूरज और समिति को सूरज हॉल और उसकी जमीन की देखरेख का दायित्व दिया गया है इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाने का प्रयास समिति के लोग कर रहे हैं कुछ लोग सूरज हॉल को हड़पने का साजिश भी रच रहे हैं समिति के द्वारा साजिश रचने वालों का डटकर मुकाबला किया जा रहा है और उन्हें सफल नहीं होने दे रहे है।
बैठक में रोशन चौधरी के अलावा मुख्य संरक्षक मनोज महतो योगेश बेदिया बिमल बुधिया सचिव महावीर अग्रवाल उपाध्यक्ष गंगा भगत रविंद्र सिंह बीटी कोषाध्यक्ष राजेश गोयंनका सह सचिव दिनेश शर्मा राकेश गुप्ता आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे
