- राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी की दर 429रुपए प्रतिदिन है,जबकि मोदी सरकार मनरेगा में मात्र 228 रुपए मजदूरी देकर कानून का उल्लंघन कर रही है – खेग्रामस
- मजदूर – गरीब विरोधी ,अंबानी -अडानी परस्त मोदी सरकार को 2024 में उखाड़ फेंकने का आह्वान
अशोक वर्मा
मोतिहारी : अखिल भारतीय खेत एवम ग्रामीण मजदूर सभा का प्रथम जिला सम्मेलन आज कॉमरेड केदार प्रसाद सभागार,कॉमरेड रामप्रताप पासवान मंच नगर भवन मोतिहारी में संपन्न हो गया। सम्मेलन की शुरुआत कॉमरेड मोहन राम ने झंडोतोलन करके किया।तत्पश्चात शहीद व दिवंगत साथियों को एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जीतलाल सहनी,मोहम्मद इसराफिल,राकेश मुखिया, देवंती देवी और उपेंद्र सहनी की अध्यक्षमण्डली ने की।
सम्मेलन का उदघाटन करते हुए मुख्य अतिथि खेग्रामस के राज्य अध्यक्ष सह भाकपा माले विधायक कॉमरेड वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि अब यह बात दिन के उजाले की तरह साबित हो गया है कि केंद्र की मोदी सरकार गरीब और मजदूर विरोधी है।इस सरकार की नीतियां अपने पूंजीपति मित्रों अंबानी – अडानी को फायदा पहुंचाने और देश को लूटनेवाली है।आज कमरतोड़ महंगाई और बेरोजगारी से गरीबों का जीना मुहाल हो गया है।जिस मनरेगा कानून को ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों ,मजदूरों को रोजगार और उचित मजदूरी देने के लिए खेत मजदूरों ने लंबी लड़ाई से हासिल किया था।आज उसे मोदी सरकार धीरे धीरे फंड कटौती कर समाप्त करने की साजिश में लगी है।उस कानून में प्रावधान है की तय न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी नहीं दी जाएगी ।यह सरकार उसका भी उल्लंघन कर रही है।राष्ट्रीय स्तर पर अकुशल मजदूरों के लिए प्रतिदिन 429 रुपए मजदूरी अभी तय है लेकिन केंद्र सरकार बिहार में मनरेगा योजना में मात्र 228 रुपए मजदूरी देकर कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रही है जो घोर अपराध है।मजदूर इस मेहनत की लूट को बर्दाश्त नहीं करेंगे।2024 के चुनाव में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत है।
आज जिस बुलडोजर राज की शुरुआत यूपी से हुआ था उसका प्रयोग पूरे देश में किया जा रहा है।गरीबों के घरों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए ध्वस्त किया जा रहा है।यह घोर अन्याय है ।इसे रोकने के लिए देश में नया वास आवास कानून बनाने की जरूरत है।हाउसिंग राइट कानून बनाकर संवैधानिक दर्जा दिया जाए।मोदी सरकार ने 2022 तक सबको आवास देने का वादा किया था वह धोखा साबित हुआ है।करोड़ों परिवार आवास विहीन हैं।
आगे उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने महिला आरक्षण कानून में समाज के वंचित पिछड़े,दलित,अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं करके वंचित समुदाय के अधिकारों की हकमारी किया है।मनीपुर से लेकर पूरे देश में महिलाओं,दलितों,आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर जुल्म बढ़ा है।सभी लोगों को एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है।
सम्मेलन के पर्यवेक्षक राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी ने कहा की मोदी सरकार संविधान को खत्म कर मनु स्मृति लागू करना चाहती है।लोकतंत्र खतरे में है।जो संविधान लागू है उसी से हमारे अधिकार हैं इसे हर हाल में बचाना होगा।
उन्होंने आगे कहा की 7 -8नवंबर को बेतिया में आयोजित मजदूरों एवम गरीबों का राज्य सम्मेलन इतिहास साबित होगा।
अंत में 15सदस्यीय जिला कमिटी का चुनाव किया गया जिसके अध्यक्ष उपेंद्र सहनी और सचिव जीतलाल सहनी चुने गए।
सम्मेलन को भाकपा माले जिला सचिव प्रभुदेव यादव,विष्णुदेव प्रसाद यादव,भैरव दयाल सिंह,महेंद्र पटेल,रंजन कुमार,विशेश्वर कुशवाहा,राघव प्रसाद,वैद्यनाथ सहनी आदि नेताओं ने संबोधित किया।
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