- ग्रामीण क्षेत्रों में फॉगिंग की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की
- एलिसा टेस्ट के बाद ही डेंगू की होगी पुष्टि
मुजफ्फरपुर। बरसात के शुरू होते ही डेंगू की संभावनाओं के बीच स्वास्थ्य महकमा और जिला प्रशासन हरकत में आया है। सोमवार को समाहरणालय के सभागार में जिला समन्वय समिति की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि डेंगू को रोकने के बजाय उसके लार्वा को खत्म करने की कवायद की जाए। अधिक से अधिक लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जाए। जरूरत के अनुसार जन समुदायों के बीच माइकिंग और आइइसी मटेरियल का वितरण किया जाए।
इस साल सिर्फ एक केस:
डीटीएफ के दौरान जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि अभी तक जिले में डेंगू से एक व्यक्ति की पहचान हुई है। 2019 तथा 2022 में सबसे ज्यादा 202 और 134 लोग डेंगू से पीड़ित हुए थे। डॉ सतीश ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र के बाहर स्वास्थ्य विभाग एंटी लार्वा का छिड़काव कराता आया है जो इस वर्ष भी किया जा रहा है।
एलीजा ही डेंगू के पहचान में मान्य:
डॉ सतीश ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग प्राइवेट अस्पतालों और लैब में किए गए एनएस 1 किट के जांच को वैध नहीं मानता है। ऐसे जांच को सिर्फ संदिग्ध की श्रेणी में लाता है। विभाग सिर्फ एजीजा टेस्ट को ही मानता है। वहीं एलीजा द्वारा डेंगू की पुष्टि पर उसका स्वास्थ्य कर्मी भौतिक सत्यापन कर उसके घर के पांच सौ मीटर के दायरे में एंटी लार्वा का छिड़काव करता है।
मौके पर जिलाधिकारी प्रणव कुमार, सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार, प्रीतिकेश कुमार, डॉ सीके दास सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
डेंगू के लक्षण:
-तेज बुखार, बदन, सर, जोड़ो तथा आंखो के पीछे दर्द।
-त्वचा पर लाल धब्बे/चकते का निशान।
-नाक, मसूड़े या उल्टी के समय रक्त स्राव।
-कला पैखाना होना।
बचाव के तरीके:
-टूटे फूटे बर्तनों, एसी, फ्रिज, कूलर के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी, घर के अंदर एवम अगल बगल के जगहों पर पानी न जमने दें।
-दिन में भी सोते समय मछरदानी का प्रयोग करें।
-मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का प्रयोग दिन में भी करें।
-पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने, घर के सभी कमरे को साफ सुथड़ा एवम हवादार बनाए रखें।
-जमा पानी एवम गंदगी पर कीटनाशकों का छिड़काव करें।
-गमला, फूलदान इत्यादि का पानी रोज बदलें।
-जमे हुए पानी पर मिट्टी तेल डालें।
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