मिलक/ रामपुर। भारतीय किसान संघ रामपुर के जिला अध्यक्ष आदेश शंखधार ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि 09 जून को जान से मारने की धमकी भरा पत्र मिला था जिसके सम्बन्ध में थाना मिलक में तहरीर दी गई। 10 जून को क्षेत्राधिकारी मिलक को अवगत कराया गया। कार्यवाही नहीं हुई। उसके बाद पुलिस अधीक्षक रामपुर को व्हाट्सएप और ट्वीटर के माध्यम से अवगत कराया गया लेकिन कार्यवाही शून्य। 23 जून तक रिपोर्ट दर्ज़ नहीं होती है। जिला अध्यक्ष आदेश शंखधार ने बताया कि पत्र में स्पष्ट लिखा है कि पुलिस को कैसे ख़रीदा जाता है हमें पता है। शायद आज वही सामने आ रहा है। अभी तो केवल धमकी भरा पत्र मिलने की रिपोर्ट ही दर्ज़ नहीं की जा रही है ईश्वर न करे अगर भविष्य में कोई भी अप्रिय घटना घटित हुई तो पुलिस से क्या उम्मीद की जा सकती है। हमारा भरोसा उठ चुका है। क्योंकि आज पुलिस का हाल यह है कि जिन व्यक्तियों के खिलाफ़ दर्जनों मुकद्दमें दर्ज़ हैं और हाई कोर्ट से ज़मानत पर बाहर हैं ऐसे लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। लेकिन जब एक सभ्य समाज के सभ्य व्यक्ति को अपराधियों के द्वारा जान से मारने जैसी बातें की जाती हों जबकि वह व्यक्ति हमेशा किसानों के हित की आबाज़ को बुलन्द करने का काम करता हो, आज उसकी रिपोर्ट तक थाने में दर्ज़ नहीं की जा रही है। एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि अब उत्तर प्रदेश कानून का राज है लेकिन जनपद रामपुर में पुलिस का रवैया जनता के प्रति बिल्कुल भी ठीक नहीं है। आम जनता परेशान है उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। आम आदमी थाने में जाने से डरता है और अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। इसलिए मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अगर मेरे साथ कोई भी अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी ज़िम्मेदारी रामपुर पुलिस की होगी। और इस पूरे प्रकरण को लेकर अति शीघ्र ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के जनता दरबार में उपस्थित होकर रामपुर पुलिस के कारनामों से अवगत कराया जाएगा।
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