टैगोर  मानव ही नहीं महामानव थे डाॅ. उमाशंकर सिंह 

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गया। अनुग्रह मेमोरियल महाविद्यालय गया के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से विश्वकवि रवीॅद्रनाथ टैगोर की पावन जयंती के अवसर पर एक दिवसीय समारोह का आयोजन किया गया है । इस समारोह में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. अनंत कुमार सिन्हा एन एस एस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. श्वेता सिंह, हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. उमा शंकर सिंह, राजनीतिक शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. किशोर कुमार पासवान, अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अमृतेंदु घोषाल आदि की गरिमामयी उपस्थिति में समारोह संपन्न हुआ है। इस समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. उमा शंकर सिंह ने कहा कि गुरुवर रवींद्रनाथ टैगोर विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्त थे। महान साहित्यकार, समाज सुधारक, प्रसिद्ध अध्यापक, प्रख्यात कलाकार के साथ-साथ वे एक सच्चे मानव थे। सच्चे अर्थों में वे मानव ही नहीं महामानव थे। उनके कृति व्यक्तित्व आगे सहस्त्र वर्षों तक मानवों को पथ प्रदर्शित करता रहेगा। प्रभारी प्राचार्य डॉ. अनंत कुमार सिन्हा ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर एक असाधारण व्यक्ति थे। विद्वान, चित्रकार, उपन्यासकार, कवि आदि सब कुछ थे। 1913 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आज उनकी रचनाओं को पढ़कर उनके विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है । डॉ. श्वेता सिंह ने उनके दर्शन, जीवन-दर्शन और मानवतावाद से संबंधित उनकी विचारधारा पर विशेष जोर दिया है।  अमृतेंदु घोषाल ने टैगोर जी की संक्षिप्त जीवनी, उनके साहित्य एवं मानवतावाद के साथ-साथ स्वतंत्रता-संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर विशेष चर्चा की गई है। डॉ. किशोर कुमार पासवान ने कविवर रवींद्रनाथ टैगोर के मानवतावाद, विश्व के महान व्यक्तित्व, श्रेष्ठ साहित्यकार व रचनाकार आदि बताते हुए उनके योगदानों की चर्चा की गई है। इस समारोह में स्वयंसेवक वर्ग में प्रियांशु कुमारी, काजल कुमारी, आरोही कुमारी, आस्था कुमारी, शीतल कुमारी, शिवम कुमार, सोनू कुमार, राजा कुमार, गोलू कुमार इत्यादि भी उपस्थित थे राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ है
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