रात्रि चौपाल लगाकर दी जा रही है चमकी की धमकी

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  • विकास मित्र, किसान सलाहकारों को दिया गया प्रशिक्षण 
  • तीन बातों का रखें ध्यान- खिलाओ, जगाओ, अस्पताल ले जाओ
मोतिहारी : बढ़ती गर्मी में चमकी बुखार के मामलों से बच्चों को सुरक्षित करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। जिले के पकड़ीदयाल, तेतरिया, चकिया, मधुबन, मेहसी प्रखंड में चमकी से बचाव को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों की टीम के सहयोग से दोपहर के साथ रात्रि चौपाल भी लगाए जा रहें है। सोमवार को मदारी चाक मेहसी में, तेतरिया के मनियारी में पकड़ीदयाल के धनौजी में बीसीएम, पिरामल, यूनिसेफ़, आशा, आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के सहायता से महादलित टोला में चौपाल लगाकर चमकी बुखार के बारे में ग्रामीणों को जागरूक किया गया। वहीं ढाका, पकड़ीदयाल अनुमंडलीय अस्पताल में एईस/जेई से संबंधित प्रशिक्षण विकास मित्रो, किसान सलाहकारों, जीविका को दिया गया। वहीं मौके पर विकास मित्रो एवं किसान सलाहकारों को भी ओआरएस, पारासिटामोल उपलब्ध कराया गया। जिले के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया की चमकी को धमकी देने को लेकर जिले के चमकी प्रभावित क्षेत्र समेत अन्य प्रखंड क्षेत्र में लोगों को जागरूक करते हुए बच्चों को धूप में न जाने देने, रात को खाली पेट न सोने देने एवं रात्रि में खाना जरूर खिलाने की बातें बताई जा रहीं है। उन्होंने बताया कि चमकी बुखार की जानकारी के लिए सभी प्रखंड में कंट्रोल रूम संचालन हो रहा है। उन्होंने बताया की चमकी के लक्षण होने पर देरी बिलकुल भी न करें, तुरंत सरकारी अस्पताल लेकर आएं।चमकी प्रभावित मरीजों के लिए एंबुलेंस के साथ मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के वाहनों को टैग किया गया है। एंबुलेंस नहीं मिलने पर किसी भी निजी वाहन से हॉस्पिटल ले जाएं। हॉस्पिटल द्वारा किराया का भुगतान किया जाएगा।
चमकी से बचाव के उपाय:
सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ कुमार अमृतांशु ने बताया कि जिस तेजी से तापमान बढ़ रहा है ऐसे में एईएस का खतरा बढ़ना तय है। इससे बचाव के लिये अभिभावक अपने बच्चे की धूप से बचाएं। रात को किसी भी हालत में भूखे नहीं सोने दें। दिन में एक बार ओआरएस घोल कर जरूर पिलाएं। बच्चे को कच्चा लीची नहीं खाने दें। बच्चा अगर घर में भी है तो घर की खिड़की व दरवाजा बंद नहीं करें। हवादार रहने दें।
चमकी बुखार के लक्षण:
चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार रहता है, बदन में ऐंठन होती है। बच्चे दांत पर दांत चढ़ाए रहते हैं। कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता है। यहां तक कि शरीर भी सुन्न हो जाता है और उसे झटके लगते रहते हैं।
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